वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ कर अपनाया हिन्दू धर्म, बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी।

वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ कर अपनाया हिन्दू धर्म, बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी।
नई दिल्ली: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी सोमवार को इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म कबूल कर लिया। वे अब वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गए हैं। यूपी के गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने वसीम रिजवी को सनातन धर्म ग्रहण करवाया।

कुरान करीम की आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने वाले वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म को कबूल कर लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू धर्मगुरुओं ने वसीम रिजवी के हिंदू बनने का स्वागत किया है।

गौरतलब है वसीम रिजवी उस समय चर्चा में आए, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की आयतों को हटाने को लेकर अर्जी दी थी। वसीम रिजवी की किताब को लेकर भी काफी विवाद सामने आया।
बता दें कि कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने अपनी वसीहत में लिख दिया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने की बजाय हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाए। हालांकि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि इस्लाम और शियाओं से इसका कुछ लेना-देना नहीं है।

बताया जा रहा है कि मज़हब की तबदीली के बाद अब वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे और उनका नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा। वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) हिंदू रस्म व रिवाज के मुताबिक, हिंदू धर्म को गले लगाया।

मज़हब तबदील करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है. मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करता है।

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