अब मोदी सरकार एमएसपी पर भी बातचीत करने को तैयार, किसान संगठनों से मांगे पांच नाम, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे भी वापस होंगे।

अब मोदी सरकार एमएसपी पर भी बातचीत करने को तैयार, किसान संगठनों से मांगे पांच नाम, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे भी वापस होंगे।
नई दिल्ली: संसद द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद भी मोदी सरकार के प्रति किसान संगठनों का रवैया सख्त है। किसानों के अड़ियल रवैये को देखते हुए सरकार एक बार फिर बातचीत के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को एमएसपी पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को प्रस्ताव भेजा था, सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से अपने पांच नेताओं के नाम बताने को कहा है जो सरकार के साथ बातचीत के दौरान बैठक में मौजूद रहेंगे।

सरकार के प्रस्ताव के बाद सोनीपत कुंडली बार्डर पर किसान संगठनों की बैठक हुई। बैठक के बाद किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि सरकार हमारी सभी मांगों को मान रही है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने सभी राज्यों को किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया है। हरियाणा के किसान नेताओं ने मामले वापस करने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठक करने का ऐलान किया है। खबर यह है कि पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान संगठन सिर्फ कृषि कानून की वापसी से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है तो उन्हें एमएसपी पर भी कानून बनाना चाहिए। इसलिए सरकार ने बीच का रास्ता निकालने के लिए किसानों से बात करने की पेशकश की है।

जब तक एमएस पर कानून नहीं, घर वापसी नहीं: राकेश टिकैत।
नई दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि अगर सरकार सीधे एमएसपी पर कानून बनाती है तो हम कमेटी बनाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ बातचीत एक सराहनीय कदम है लेकिन सरकार को समिति बनाकर इस मुद्दे को वापस पाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, हम एमएसपी पर कानून के बिना घर नहीं लौटेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की वापसी को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होने जा रही है, जिसमें हम आगे की रणनीति तय करेंगे। उन्होंने कहा, "हम 750 किसानों की मौत को नहीं भूल सकते।"

समीर चौधरी।

Post a Comment

0 Comments

देश