वरिष्ठ लेखक कमल देवबंदी की नई पुस्तक "कड़वे बोल" का बुद्धिजीवियों के हाथों विमोचन, कमल देवबंदी के लेखन और जीवन पर डाला गया प्रकाश।

वरिष्ठ लेखक कमल देवबंदी की नई पुस्तक "कड़वे बोल" का बुद्धिजीवियों के हाथों विमोचन, कमल देवबंदी के लेखन और जीवन पर डाला गया प्रकाश।

देवबन्द: देवबन्द के वरिष्ठ लेखक, समीक्षक कमल देवबंदी के नवीन लेख संग्रह "कड़वे बोल" का विमोचन शाह मंज़िल ख़ानक़ाह में हुआ। इस अवसर पर विमोचन समारोह की अध्यक्षता करते हुए जामिया तिब्बिया देवबन्द के सचिव एवं समाजसेवी डॉक्टर अनवर सईद ने कहा कि वर्तमान में सच और हक़ लिखना बड़ी बात है। यह पुस्तक सच की दुनिया मे मील का पत्थर साबित होगी।
इन्फिनिटी इंस्टीट्यूट देवबन्द के प्रबंधक अरविंद सिंघल ने कहा कि"कमल देवबन्दी सच लिखकर हमारा काम करते हैं।मेरे विचार से उनको सच लिखकर सकून मिलता होगा।फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी उत्तर प्रदेश सरकार के सदस्य अनवर इंजीनियर ने अपने विशेष सम्बोधन में कहा कि "सच हमेशा दवाई की तरह कड़वा होता है----सच आपको आइना दिखाता है और तन्हाई में सोचने पर मजबूर करता है।

मुम्बई से पधारे आल इंडिया मिल्ली कौंसिल महाराष्ट्र के अध्यक्ष राशिद अज़ीम उस्मानी ने कहा के "शब्दों की कड़वाहट का मिश्रण भी संतुलित मात्रा में होना चाहिए। पुस्तक में संतुलित शब्दों में समालोचना की गई है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष रविन्द्र पंवार ने कहा कि वजाहत शाह दुवारा शिक्षण कार्यों में सफल प्रतिभाग के बाद शिक्षकों का लेखन के क्षेत्र में नेतृत्व करना हमारे लिए गर्व का विषय है।लेखन को ज़िंदा रखना अनिवार्य है। यह कला लेखक में मौजूद है। 
अध्यापक-लेखक नोशाद अर्शी ने कहा कि"लेखक ने गिरते सामाजिक पतन पर जमकर क़लम चलाया है"।सफल संचालन लेखक-शायर अब्दुर्रहमान सैफ़ ने किया।उन्होंने लेखक का परिचय कराते हुए कहा कि लेखक गत 40 वर्षों से उर्दू-हिंदी में लेख,पुस्तकें,समीक्षयाएँ,पत्र,विचार लिख रहे हैं।अब देश के 125 समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में 1200 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। इस दौरान सभी मेहमानों का स्वागत फूलमाला एवं बुके भेंटकर किया गया।

इस अवसर पर मास्टर शमीम किरतपुरी, अरुण कुमार, ब्रजपाल, मास्टर नूर देवबन्दी, महताब आज़ाद, ख़ुर्शीद अहमद सिद्दीक़ी, शाह फैसल मसूदी, डॉक्टर सादिक़ देवबन्दी, नजम अहमद सिद्दीक़ी, तौसीफ अहमद क़ुरैशी, ग़ाज़ी वाजदी,  अहसान अहमद, ज़ैनब शाह, इनाया अदीब मौजूद रहे।

रिर्पोट: नबील मसूदी
DT Network

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