कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर से राज्य सरकारें भी सतर्क, जारी किए जरूरी दिशा निर्देश।

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर से राज्य सरकारें भी सतर्क, जारी किए जरूरी दिशा निर्देश।
नई दिल्ली: कोरोना के नए दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से चिंता जताने के बाद राज्य सरकारों ने भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। शनिवार को महाराष्ट्र, गुजरात और केरल की राज्य सरकारों ने बाहर से आने वाले लोगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। यहां आने वालों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी कर दिया गया है।
वहीं, दिल्ली, मध्य प्रदेश, केरल, उत्तराखंड समेत कई अन्य राज्यों ने अपने प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। धारवाड़ मेडिकल कॉलेज में बड़े पैमाने पर स्टूडेंट्स के पॉजिटिव मिलने के बाद कर्नाटक पहले ही अपने यहां नई गाइडलाइन जारी कर चुका है।

दोनों डोज ले चुके लोगों को भी खतरा।
उधर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस के नये ओमिक्रोन स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है और इसलिए इसके खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत है।
स्पाइक प्रोटीन की उपस्थिति पोषक कोशिका में वायरस के प्रवेश को आसान बनाती है और इसे फैलने देने और संक्रमण पैदा करने के लिए जिम्मेदार है।
एम्स के निदेशक डॉ गुलेरिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'कोरोना वायरस के नए स्वरूप में स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में कथित तौर पर 30 से अधिक उत्परिवर्तन हुए हैं और इसलिए इसके प्रतिरक्षा तंत्र से बच निकलने की क्षमता विकसित करने की संभावना है। अधिकांश टीके स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाकर काम करते हैं, इसलिए स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में इतने सारे परिवर्तन से कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता कम हो सकती है।'

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