आगामी 10 नवंबर को देवबंद पहुंचने पर सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने किसान रखेंगे यह दस मांगे।

आगामी 10 नवंबर को देवबंद पहुंचने पर सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने किसान रखेंगे यह दस मांगे।
देवबंद: आगामी 10 नवंबर को देवबंद पहुंच गए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से के सामने किसान अपनी 10 समस्याएं रखकर उनका समाधान मांगेंगे।

इस संबंध में सोमवार को ग्राम गंगदासपुर जट में किसानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्नदाता किसान 10 नवंबर को आ रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी 10 समस्याओं को हल कराने के लिए बात करेंगे। किसान नेता भगत सिंह वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री से जानेंगे की उत्तर प्रदेश में राज्य किसान आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया। सरकार की गलत नीति के कारण प्रदेश के किसान कर्ज बंद है क्यों न प्रदेश के किसानों का कर्ज समाप्त किया जाए। उत्तर प्रदेश में किसान मजदूर व गरीबों के घरेलू बिजली के बिल देश में सबसे अधिक है उन्हें आधे किए जाएं। उत्तर प्रदेश के किसानों को कृषि कार्य हेतु पंजाब की तरह निशुल्क बिजली दिलाई जाए। मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़ा जाए। प्रदेश के किसानों मजदूरों व गरीबों का निशुल्क इलाज कराया जाए। प्रदेश के किसानों के कार्ड बनाकर किसानों को ₹40 लीटर डीजल उपलब्ध कराया जाए।

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान प्रदेश सरकार की गलत नीति के कारण लगातार कर्ज में डूबते चले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 120 चीनी मिलों पर पिछले वर्ष का भी 4000 करोड रुपए गन्ना भुगतान बकाया है व कब गन्ना किसानों को मिलेगा मुख्यमंत्री से इसका भी जवाब 10 नवंबर को गन्ना किसान चाहेंगे। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि पिछले वर्षों में उत्तर प्रदेश की 120 चीनी मिलों द्वारा देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज 10000 करोड रुपए बकाया है जिसे दिलाने के लिए पहले से ही भारत सरकार का नियम है और प्रदेश के गन्ना किसानों को चीनी मिलों से ब्याज दिलाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय व माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी आदेश किए हुए हैं। इसके बावजूद भी सरकार चीनी मिलों से प्रदेश के गन्ना किसानों को ब्याज नहीं दिला रही है इसका भी जवाब मुख्यमंत्री योगी जी से प्रदेश के गन्ना किसानों को चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आसानी से प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल नकद दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी जी ने मात्र गन्ने का रेट ₹25 कुंटल बढ़ाकर प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ बड़ा छलावा किया है जो गन्ना किसानों के साथ सरासर अन्याय है। एक कुंतल गन्ने से 12 किलोग्राम चीनी के साथ साडे 4 किलो ग्राम शीरा बनता है। साडे 4 किलोग्राम शीरा से एक बल्क लीटर अल्कोहल बनता है जब यह उत्तर प्रदेश में देसी शराब में प्रयोग किया जाता है तो ₹715 सरकार के खाते में नकद चले जाते हैं इसके अलावा भी प्रति वर्ष 32000 करोड रुपए एक्साइज ड्यूटी के रूप में गन्ने से प्रदेश सरकार को टैक्स प्राप्त होता है इसके अलावा अल्कोहल एथेनॉल फार्मास्यूटिकल्स कंपनी विदेशी कंपनी में बनने वाले हजारों उत्पादों से प्रतिवर्ष प्रदेश सरकार को इनडायरेक्ट रूप से एक लाख करोड रुपए से अधिक टैक्स प्राप्त होता है इसके बावजूद भी प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल क्यों नहीं दिया जा रहा है इसका भी जवाब गन्ना किसान 10 नवंबर को देवबंद में प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ से जरूर चाहेंगे।

बैठक की अध्यक्षता चौधरी बाबूराम जी ने की। व संचालन पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष सरदार गुलविंदर सिंह बंटी ने किया। बैठक में सुशील कुमार अमित कुमार सुमित वर्मा पदम सिंह संदीप कुमार सुभाष शर्मा रामपाल शर्मा डॉक्टर संजय सिंह राजकुमार रविंद्र कुमार जितेंद्र सिंह चौधरी महेंद्र सिंह वीरेंद्र सिंह सुदेश पाल ओमवीर सिंह रणवीर सिंह आदि ने भाग लिया।

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