लखीमपुर खीरी हिंसा में अब तक चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत, किसान संगठनों में आक्रोश, सीएम ने दिए घटना की जांच के आदेश, इंटरनेट बंद।।

लखीमपुर खीरी हिंसा में अब तक चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत, किसान संगठनों में आक्रोश, सीएम ने दिए घटना की जांच के आदेश, इंटरनेट बंद।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में उपमुख्यमंत्री केशु प्रसाद मोरिया और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई। एनडीटीवी के मुताबिक, लखीमपुर खीरी के एसीपी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई।

किसान संगठनों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के काफिले में एक वाहन ने मंत्री के बेटे और एक रिश्तेदार समेत दो किसानों को कुचल दिया, अधिकारी ने यह भी कहा कि जिन चार लोगों की मौत हुई, वे उस वाहन में थे, जिसने कथित तौर पर किसानों को टक्कर मारी थी। वही किसानों ने कहा कि 2 किसानों की मौत जब के अन्य की मौत अस्पताल में हुई है जहां 8 घायल किसानों का इलाज भी चल रहा है।

घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई और वाहनों में आग लगा दी गई। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा कि वह इस घटना से "दुखी" हैं। वहीं, जांच के आदेश जारी करते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शादीपुर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया और इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है।

किसान संगठनों ने देश भर के सभी किसान संगठनों से अपील की है कि वे सोमवार दोपहर 1 बजे के बीच सभी जिलों में जिलाधिकारी कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करें, पंजाब और हरियाणा के किसान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकट के साथ लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए और सुबह लखीमपुर खीरी पहुंचकर अगली रणनीति बनाएंगे।


किसान संगठनों का यह भी दावा है कि इस घटना में आठ किसान घायल हुए हैं। किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्वीट किया, "केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यक्रम के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक मंत्री के काफिले को सड़क किनारे वाहनों की टक्कर से दो किसानों की मौत हो गई और आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।" जब के 2 किसानों की बाद में मौत होने की बात कही गई है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना के बारे में ट्वीट किया और लिखा, "जो इस अमानवीय नरसंहार को देखकर भी चुप है, वह पहले ही मर चुका है।" लेकिन हम इस बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे - अमर रहे किसान सत्याग्रह! 

वहीं प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'भाजपा देश के किसानों से कितनी नफरत करती है? क्या उन्हें जीने का अधिकार नहीं है? यदि वे आवाज उठाएं, तो क्या तुम उन्हें गोली मारोगे, क्या तुम उन पर गाड़ी चढ़ाओगे? यह किसानों की भूमि है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की नहीं। किसान का सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज बुलंद होगी।

साथ ही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. "किसान शांति से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं," उन्होंने लिखा। गृह राज्य मंत्री के बेटे द्वारा बीजेपी सरकार ने बेहद अमानवीय और क्रूर कृत्य किया है। अब यूपी भारतीय जनता पार्टी का आकार और उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी।

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया, लिखा, मिट्टी को रौंदकर सोना बनाने वाले किसानों को भाजपा गाड़ियों से रौंद रही है। सुन लो बेईमान, किसानों के ऊपर गाड़ियाँ चढ़ा कर उनकी माँग को कुचल नहीं पाओगे। लेकिन भारत के किसान तुम्हारे सत्ता के अहंकार को ज़रूर कुचलेंगे।

उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुरखीरी नरसंहार में दोषी अजय टेनी व उसका बेटा मोनू टेनी 8 हत्याओं का दोषी है, साज़िश में शामिल केन्द्रीय राज्यमंत्री को तुरंत बर्खास्त कर बेटे सहित गिरफ्तार कर जेल भेजा। उन्होंने किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी। सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा।

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