(सालार ग़ाज़ी)
उर्से आला हजरत के मौके पर आयोजित हुई नातिया नशिस्त व जलसा
अमरोहा: अमरोहा के मोहल्ला बसावन गंज स्थित वक़्फ़ छोटी मस्जिद में आला हज़रत का 103 वा उर्स ए रज़वी मनाया गया।
सरकार आला हजरत के 103वे उर्स शरीफ के मौके पर वक़्फ़ छोटी मस्जिद बसावन गंज अमरोहा में भी बतारीख 5/10/2021 की रात को बाद नमाज़ ईशा कुल शरीफ व जलसे का प्रोग्राम आयोजित किया गया। जिसकी *सदारत वक़्फ़ छोटी मस्जिद के "मुतवल्ली हाजी सलाउद्दीन अंसारी"* ने की व जलसे का आगाज़ *"मौलाना महताब उद्दीन कादरी"* ने तिलावत ए कुरान ए पाक से किया। बरगाहे नबी में नात शरीफ और सरकार आला हजरत की मनकबत के नज़राने रामपुर से तशरीफ लाए खुसूसी नात खुवा "लईक खान रज़ा शाहिदी" ने अपने खूबसूरत अंदाज में पेश किए।
खुसूसी मुकर्रीर मौलाना जाकिर हुसैन कादरी ने जलसे को खिताब करते हुए कहा कि आला हजरत के दुनिया से जाने के 103 साल बाद भी हम मुसलमानों के अकीदे की हिफाजत आपकी तसनीफ कर रही है जो 12 जिल्दों में "फतवा रिजवियां" के रूप में मौजूद है उन्होंने बताया के आला हजरत ने लगभग 1400 किताबे लिखी जिसमे से तकरीबन 1100 मंजरे आम पर आ चुकी है, आला हजरत को हर उलूम में महारत हासिल थी, आपके उस्ताद आपके वालिद ए गिरामी "मौलाना नकी अली खान" साहब थे। आला हजरत की पैदाइश सन 1856 को बरेली की सरजमीन पर हुई थी। अपने 4 साल की छोटी उमर में ही कुरान ए पाक मुकम्मल नादरा पढ़ लिया था, 13 साल की उम्र में आला हजरत मुफ्ती बन चुके थे और फतवे लिखने शुरू कर दिए थे। आपने इस्लाम को फरोग देने में अहम किरदार अदा किया। आखीर में कुल शरीफ की रस्म अदायगी के साथ साथ मुल्क में अमनो सलामती की दुआ के बाद तबर्रुक तकसीम के साथ जलसे को खत्म किया।
प्रोग्राम में खास तौर पर हाजी सलाहउद्दीन अंसारी, मौलाना महताब उद्दीन, मौलाना नोशाद, जमाल उद्दीन, महताब आलम, डॉ अथर कमाल, सज्जाद परवेज़, रईस सैफी, जमशेद परवेज़, अनवर सैफी, यासिर अंसारी, अथर अजहरी, हाफिज नोशाद, हाफिज ज़ैद, हाफिज बख्तियार, फहीम रज़ा, उस्मान क़ादरी, शाहनवाज़, आदिल, राशिद, शाद, मोनिस, समीर, सरदार, हसीन, यासीन, शाने आलम, क़मर आलम आदि अकीदतमंद मौजूद रहे।
0 Comments