पिता का शव देखकर फफक-फफक कर रोने लगी बेटियां, पुलवामा में आतंकी द्वारा मारे गए सगीर अहमद को सहारनपुर में देर रात किया गया सुपूर्द ए ख़ाक।

पिता का शव देखकर फफक-फफक कर रोने लगी बेटियां, पुलवामा में आतंकियों द्वारा मारे गए सगीर अहमद को सहारनपुर में किया गया सुपूर्द ए ख़ाक।

सहारनपुर: जम्मू कश्मीर में कारपेंटर का काम करने गए सहारनपुर के एक शख्स की सोमवार को पुलवामा में आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, सहारनपुर निवासी सगीर अहमद की मौत की खबर से उसके घर वालों में कोहराम मचा हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही सगीर के घर वाले जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हो गए जहां से आज सोमवार की सुबह करीब पांच बजे एंबुलेंस से सगीर का शव सहारनपुर लाया गया और पुलिस की कागजी कार्रवाई के बाद सुबह 10 बजे सहारनपुर को दबनी वाले कब्रिस्तान सगीर अहमद को सुपुर्द कर दिया गया। सगीर की जनाजे की नमाज में काफी संख्या में लोग शामिल हुए।

सहारनपुर के मोहल्ला सराय हिसामुद्दीन के रहने वाले सगीर अहमद (58) जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एक निजी फर्म में लकड़ी कारीगर का काम करते थे। 16 अक्टूबर की शाम को घर में घुसकर आतंकियों ने गोलियों से भून दिया था। सगीर अहमद के सोमवार को शव आया। परिजनों घर पर मोहल्ले वालों और परिजनों का तांता लग गया।

पिता का शव देखकर फफक-फफक कर बेटियां रोने लगी। परिजनों और लोगों ने बमुश्किल बेटियों को संभाला। छोटी बेटी शोबी तो बेहोश हो गई। पोस्टमार्टम होने के बाद शव सील पैक कर दिया गया था। इस कारण बेटियों को मृत सगीर का 2 सैकंड के लिए मुंह ही दिखाया था। 

पार्षद मंसूर बदर ने बताया कि उनकी 4 बेटियां हैं। इनमें शोबी को छोड़कर बाकी तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटा भी है। वह राजस्थान के बाडमेर में कारपैंटर का काम करता है। सगीर की पत्नी नफीसा (50) की 6 महीने पहले कोरोना से मौत हो चुकी है। उनका पूरा परिवार यहीं पर रहता है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है। सगीर अहमद कई साल पहले जम्मू कश्मीर में नौकरी करने के लिए गए थे।

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