असम की अमानवीय घटनाओं पर जमीयत उलमा और जमात-ए-इस्लामी के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने असम के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर के रखी ये मांगें।

असम की अमानवीय घटनाओं पर जमीयत उलमा और जमात-ए-इस्लामी के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने असम के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर के रखी ये मांगें।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दरांग की अमानवीय घटनाओं पर हम शर्मिंदा हैं। मुख्यमंत्री न्याय दिलाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें और पीड़ितों को उचित मुआवज़े की घोषणा करें। 

नई दिल्ली: जमीयत उलमा ए हिंद और जमात-ए-इस्लामी हिंद के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी और जमात ए इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सआदततुल्ला हुसैनी के निर्देश पर असम के मुख्यमंत्री हेमंत कुमार बिस्वा सरमा से गुवाहाटी में स्थित उनके कार्यालय में भेंट की और ज़िला दरांग के धौलपुर में सरकारी भूमि को खाली कराने में हुई हिंसक घटना और अमानवीयता तथा गरीब व मजदूर वर्ग को अपने ही देश में बेघर करने पर अपना रोष प्रकट किया और मांग की, कि (1) इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। 

(2) पुलिस कार्रवाई में मारे जाने वालों को बीस लाख और घायल होने वालों को दस लाख मुआवज़ा दिया जाए। (3) उजाड़े गए परिवारों के लिए दवाएं, पानी और खाद्य वस्तुओं का प्रबंध किया जाए। (4) सरकार की तरफ से 6 बीघा ज़मीन खेती के लिए और एक बीघा ज़मीन रहने के लिए, देने का वादा किया था उसे शीघ्र पूरा किया जाए। 

प्रतिनिधिमंडल में शामिल जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुददीन क़ासमी ने कहा कि दरांग ज़िले में जो कुछ हुआ वह बड़ा अमानवीय और बर्बरता वाला है। हम यह आशा करते हैं कि आप निर्बल, असहाय, पीड़ितों को न्याय दिलाने में निजी तौर से सहायता करेंगे। हमारे देश के संविधान में मानव अधिकारों को प्राथमिकता प्राप्त है। कोई भी भूमि का टुकड़ा किसी भी व्यक्ति के जीवन से ऊपर या महत्वपूर्ण नहीं है। इसलिए हम आशा करते हैं कि असम के मुख्यमंत्री मानवीय मूल्यों की सुरक्षा करेंगे और पीड़ितों को न्याय दिलाने में बड़ी तत्परता से काम लेंगे। 

इससे पूर्व रविवार को संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने जिला दरांग की डीसी श्रीमती प्रभाती थावसेन और एसपी सुशांता विस्वा सरमा से भेंट करके पुलिस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की। इस पर सुशांता विस्वा सरमा ने कहा कि इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जा रही है। आगे की भी कार्रवाई करेंगे।

बता दें कि जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने 24 सितंबर को भारत के गृहमंत्री व मानव अधिकार आयोग और असम के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय दिलाने की ओर ध्यान आकर्षित कराया था। जमीयत उलमा असम के महासचिव हाफ़िज बशीर अहमद क़ासमी ने बताया कि हमारा प्रतिनिधिमंडल घायलों से अस्पताल में मिलेगा। उसके बाद प्रभावित परिवारों से दरांग ज़िले में जाकर मिलेगा। उन्होंने बताया कि जमीयत उलमा असम के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल क़ासमी ने निर्धारित किया है कि घायलों को जमीयत उलमा असम और अजमल फाउंडेशन की ओर से बीस बीस हजार रुपए दिए जाएंगे। 

प्रतिनिधिमंडल में मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी महासचिव जमीयत उलमा ए हिंद, अमीन उल हसन उपाध्यक्ष जमात ए इस्लामी हिंद, मोहम्मद शफी मदनी, सेक्रेटरी जमात इस्लामी हिंद, सलमान अहमद अध्यक्ष एसआईओ इंडिया, मौलाना अब्दुल सलाम महासचिव जमीयत उलमा पश्चिमी बंगाल, हाफ़िज बशीर अहमद क़ासमी महासचिव जमीयत उलमा असम, मौलाना अब्दुल कादिर क़ासमी एडिशनल जनरल सेक्रेटरी जमीयत उलमा असम, मौलाना महबूब हसन एडिशनल जनरल सेक्रेटरी जमीयत उलमा असम, डॉक्टर हाफ़िज रफीकुल इस्लाम क़ासमी एमएलए और सेक्रेटरी जमीयत उलमा असम, हाजी अमीन उल इस्लाम एमएलए, जनाब मुजीबउर रहमान एमएलए, जनाब मोमिन उर रहमान ऑफिस सेक्रेटरी जमीयत उलमा असम, मौलाना हाशिम सदस्य और जमीयत उलमा दरांग के कार्यकर्ता शामिल थे।

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