बेबाक: मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ्तारी, लेकिन इन सवालों का कौन देगा जवाब?

बेबाक: मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ्तारी, लेकिन इन सवालों का कौन देगा जवाब?
मौलाना कलीम सिद्दीक़ी को अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में यूपीएटीएस ने गिरफ्तार किया है। सवाल है कि वैध धर्मांतरण क्या है? और अवैध धर्मांतरण क्या है? अपनी मर्ज़ी से धर्मांतरण करने के लिये किसी धर्मगुरू से मार्गदर्शन प्राप्त करना अपराध है? अवैध है? या वैध है? यूपी एटीएस का कहना है कि "मौलाना कलीम सिद्दीक़ी सामाजिक सौहार्द के कार्यक्रम की आड़ में भिन्न भिन्न प्रकार का लालच देकर अवैध धर्मान्तरण कराते थे।" गज़ब है न! ऐसा आरोप एटीएस ने लगाया है न कि किसी अनपढ़ गैंग ने! क्या ये अफसर इतना भी नहीं जानते कि धार्मिक संदेश सौहार्द से दिया जाता है न कि हिंसा से? और वो लालच क्या हैं? क्या उन्होंने पैसा, बंगला, गाड़ी, नौकरी देकर किसी का धर्मांतरण कराया है? संविधान ने सभी नागरिकों को अपनी मर्ज़ी से धर्म चुनने, अपने-अपने धर्म का अनुसरण करने, प्रचार, प्रसार करने का अधिकार दिया हुआ है। तब इसमें वैध या अवैध कहां से आ गया? क्या मौलाना कलीम सिद्दीक़ी ने किसी की कनपटी पर बंदूक तानकर धर्मांतरण कराया है? मौलाना कलीम सिद्दीक़ी से पहले उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी को भी इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया कि वे लोगों का मतांतरण कराते हैं। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी यूपी एटीएस और तमाम प्रशासनिक अमला एक भी ऐसे शख्स को नहीं खोज पाया जो सामने आकर कहे कि इन धर्म प्रचारकों ने उसका जबरन एंव अवैध तरीक़े से धर्मांतरण कराया है।
Wasim Akram Tyagi✍️✍
वरिष्ठ पत्रकार।

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