देवबंद: जमीयत उलमा ए हिंद की दिल्ली में हुई कार्यकारी समिति की बैठक में सर्वसम्मति से फिर से महमूद मदनी को जमीयत अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही बैठक में वक्फ कानून और फलस्तीन शांति समझौते समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है।
दिल्ली स्थित मुख्यालय पर बुधवार को हुई बैठक के बाद जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बताया कि बैठक में सभी प्रदेश इकाइयों के चुनाव का विवरण प्रस्तुत करने के बाद इसे मंजूरी दी गई है। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि बैठक में देश की वर्तमान परिस्थितियों, अल्पसंख्यकों के लिए घेरा तंग करने, उनके धार्मिक प्रतीकों और शब्दावली का अपमान करने, बुलडोजर कार्रवाइयों, धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और हलाल के खिलाफ अभियान आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। वक्फ कानून के तहत सभी मुतवल्लियों, वक्फ संस्थाओं से अपनी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण उम्मीद पोर्टल पर समय से करने का आह्वान हुआ है। बिहार के बाद 11 और राज्यों में किए जा रहे वोटर एसआईआर के तौर-तरीकों पर असंतोषजनक जताया गया हैं। कार्यकारी समिति ने फलस्तीन शांति समझौते से संबंधित प्रस्ताव में कहा है कि मध्य पूर्व में शांति तब तक संभव नहीं है जब तक 1967 की सीमाओं के अनुसार एक संप्रभु और स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना नहीं हो जाती। इस मामले में कार्यकारी समिति ने भारत सरकार से अपील की है कि वह अपनी पारंपरिक विदेश नीति के अनुसार फलस्तीनी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार का पूर्ण समर्थन जारी रखें और हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर न्यायसंगत एवं स्थायी समाधान के लिए आवाज उठाए।
समीर चौधरी।

0 Comments