देवबंद: बचीटी गांव के जंगल से होकर गुजर रहे खाले में गिरकर वाजिद (13) और अजीम (12) डूब गए। पुलिस और प्रशासन की टीम ग्रामीण और ग्रामीणों की मदद से करीब 16 घंटे बाद दोनों बच्चों के शव बरामद हुए हैं। परिजनों के लिखित आश्वासन पर पुलिस ने दोनों बच्चों का पंचायतनामा भर शव ग्रामीणों को सौंप दिए हैं।
बचीटी गांव निवासी शाहरुख का बेटा वाजिद और अरशद का बेटा अजीम सोमवार की देर शाम जंगल की तरफ गए थे। बताया जाता है कि इस दौरान वह जंगल से होकर गुजर रहे खाले के पास पहुंचे तो अचानक उनका पैर फिसल गया और वह खाले में भरे बरसाती पानी में डूब गए। देर शाम तक वह घर नहीं पहुंचे तो उनकी तलाश शुरु की गई। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को जंगल की तरफ जाते देखा। परिजन वहां पहुंचे और उनकी तलाश शुरु की। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। कुछ ही देर में एसडीएम युवराज सिंह, तहसीलदार विजय सिंह, सीओ रविकांत पाराशर और राजस्व की टीम दो जेसीबी मशीनों के साथ मौके पर पहुंच गई। गोताखोंरों ने भी उनकी तलाश की. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। ग्राम प्रधान मोमिन त्यागी का कहना है कि बच्चे जंगल की तरफ जाते देखे गए थे। मंगलवार को पुलिस और प्रशासन और ग्रामीणों की मदद से करीब 16 घंटे बाद दोनों बच्चों के शव बरसाती खाले से बरामद हुए हैं। जैसे ही दोनों बच्चों के शव बरामद हुए तो पूरे गांव में मातम पसर गया। देखते ही देखते दोनों मृतक बच्चों के घरों पर हजारों लोगों की भीड़ ढांढस बांधने के लिए पहुंच गई। कोतवाली निरीक्षक धर्मेंद्र सोनकर ने बताया कि दोनों मृतक बच्चों के परिवार किसी भी प्रकार की पोस्टमार्टम की कार्रवाई नहीं चाहते हैं। जिसके चलते पंचायतनामा भर दोनों बच्चों के शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
मृतक वाजिद और अजीम गांव के ही एक प्राइवेट विद्यालय में कक्षा 5 के छात्र थे। दोनों की मौत से जहां पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है तो वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पिता शाहरुख ने बताया कि मृतक वाजिद उनका सबसे बड़ा बेटा था। जबकि अजीम के परिजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है मानो घर पर दुखों का पहाड़ टूट गया हो। मृतक अजीम के दादा इरशाद त्यागी ने बताया कि पूरे परिवार के लिए यह बड़ी दुखद घटना है।
तहसील क्षेत्र के बचीटी गांव में बरसाती पानी आने का यह पहला मामला नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि भारी बरसात के बाद उत्तराखंड का पानी गांव के खाले गुजर कर जाता है। इसके चलते हर समय बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता है। अगर खाले के ऊपर पुल होता तो शायद आज दोनों बच्चों की जान नहीं जाती। ग्रामीण लंबे समय से पुल बनाने की मांग भी यहां कर रहे हैं लेकिन प्रशासन और सरकार सुनने को तैयार नहीं है। अभी ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गांव में पुल बनवाने की मांग की है।
वर्जन...... सागर जैन, एसपी देहात सहारनपुर
दोनों बच्चों की मौत दुखद घटना है। परिजनों ने लिखित में किसी भी प्रकार के पोस्टमार्टम न कराने की बात कही है। जिसके चलते दोनों बच्चों के शव पंचायतनामा भरकर परिजनों को सौंप दिया गया है।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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