देवबंद: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दहेज उत्पीड़न के चलते पत्नी की गला दबाकर हत्या करने वाले आरोपी पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोषी पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। निर्धारित समय में अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
इस मामले की जानकारी देते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवीदयाल शर्मा ने बताया कि यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनीत कुमार वासवानी की अदालत ने सुनाया है। आरोपी संजू निवासी ग्राम शिमलाना, थाना बड़गांव पर आरोप था कि उसने वर्ष 2018 में मेरठ जनपद के सरधना क्षेत्र निवासी मांगेराम की पुत्री ज्योति से विवाह किया था। विवाह के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग को लेकर ज्योति को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
मामले में बताया गया कि 24 अप्रैल 2020 को संजू ने दहेज की मांग पूरी न होने पर अपनी पत्नी ज्योति से मारपीट की और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इस दुखद घटना के बाद मृतका के भाई अक्षय द्वारा थाना बड़गांव में भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए, 304बी एवं दहेज निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी महिला की मौत का कारण गला दबाना ही बताया गया। अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और दलीलों को सुनने के बाद आरोपी संजू को पत्नी की हत्या का दोषी ठहराया और उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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