3 साल से लापता शाहनवाज मोना चौहान के प्रयासों से अपने घर लौटा, परिवार में खुशी की लहर।

देवबंद: शाहनवाज (35) देवबन्द से तीन साल से लापता हो गया था परिवार के अथक प्रयास के बाद भी नही ढूंढ सके , रात एक फोन पत्रकार ओमवीर सिंह के पास एक फोन आया कि देवबन्द का शाहनवाज रामगढ निकट पंचकूला (चढीगड) है। ओमवीर सिंह ने वरिष्ठ लेखक पत्रकार कमल देवबंदी के सहयोग से शाहनवाज का परिवार 30 मिनट में ढूंढ निकाला। शाहनवाज के परिवार को बेटे की खबर मिलते अपार खुशी हुई। 
बताया गया है कि मोना चौहान हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद चंडीगढ़ द्वारा संचालित बालिका बाल ग्रह छछरौली में बतौर अधीक्षक कार्यरत है । वर्ष 2023 में मोना चौहान को 700 गुमशुदा बच्चों के परिवार को ढूंढ कर उनके घर तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रपति की उपस्थिति में भी सम्मानित किया जा चुका है । मोना चौहान पिछले 13 वर्षों से बालिका बाल ग्रह में हालत के शिकार बच्चों के होम में अपनी सेवाएं दे रही है। 
दिनांक 13 में 2025 को मोना चौहान को सूचना मिलती है कि एक मानसिक रोगी जिसका नाम शाहनवाज है वह रामगढ़ बस अड्डे पर पड़ा हुआ है जिसकी दशा काफी ज्यादा खराब है और लगभग पिछले एक साल से वह यहीं पर रहता है। जिसके चलते सूचना देने वाले इमरान चौहान से मोना चौहान ने कहा की इस व्यक्ति से पूछताछ करें कि वह कहां का रहने वाला है और किसी का नाम जानता है तो वह बताएं। शाहनवाज ने बताया कि वह देवबंद का रहने वाला है और उसके पिता का नाम कल्लू है और वो आलीशान मस्जिद के पास रहता था। जिसके चलते मोना चौहान के द्वारा देवबंद के कुछ लोगों से बात की गई । पत्रकार ओमवीर सिंह से बातचीत की गई ओमवीर सिंह ने लड़के के परिवार को 30 मिनट में ही ढूंढने लिया। शाहनवाज का परिवार रात को अपने लड़के की खबर सुनकर बहुत खुश हुआ जो कि पिछले 3 साल से लापता था।मोना चौहान से बातचीत के दौरान शाहनवाज के भाई नईम ने कहा कि वह इसके मिलने की आस खो चुके थे और आज उसके सकुशल मिलने की सूचना से परिवार बहुत खुश है। शाहनवाज के परिवार में एक उत्सव जैसा माहौल है। इधर मोना चौहान जो की हरियाणा के यमुनानगर में कार्यरत है पहले भी इस तरह के कई गुमशुदा मानसिक रोगियों को अन्य संस्थाओं के माध्यम से उनके परिवार से मिला चुकी है। 

 समीर चौधरी/महताब आज़ाद।

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