पंचकूला में 122 विद्यार्थियों को मिली नैचुरोपैथी व योग की डिग्री, देवबंद के आशीष कान्त को दिया गया विशेष सम्मान।

देवबंद/ पंचकूला: 

"डिग्री केवल एक प्रमाणपत्र नहीं, यह समाज को स्वस्थ बनाने का संकल्प है।" इसी प्रेरक विचार के साथ पंचकूला स्थित श्री माता मनसा देवी चेरिटेबल ट्रस्ट के ऑडिटोरियम में शनिवार को एक भव्य दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के 122 विद्यार्थियों को स्नातक की डिग्री प्रदान की गई।

इस समारोह का आयोजन गांधी स्मारक प्राकृतिक चिकित्सा समिति, नई दिल्ली; नेचुरोपैथी योग आयुर्वेद साइंसेज समिति, मोहाली; तथा वरदान नेचुरोपैथी एवं योग संस्थान, चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

मुख्य अतिथि देश भगत यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. जोरा सिंह ने विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को निभाना भी है। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा को जीवनशैली आधारित, औषधिविहीन और प्रभावी चिकित्सा पद्धति बताया और इसे जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।

डॉ. सिंह ने यह भी घोषणा की कि देश भगत यूनिवर्सिटी संस्थान से जुड़े पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक सहयोग प्रदान करेगी, जिससे विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी।

इस मौके पर मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया गया। डॉ. रचना सिंह को स्वर्ण पदक, दीपक क्षेत्रपाल को रजत पदक और देवबंद निवासी आशीष कान्त को उनके विशेष योगदान के लिए विशेष सम्मान से नवाजा गया। आशीष कान्त की उपलब्धि से देवबंद क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ. पुनीत मलिक ने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। मुख्य वक्ता डॉ. हरीश यादव (निदेशक, आरोग्य अमृत नेचुरोपैथी योग अस्पताल एवं ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, हिसार) ने प्राकृतिक चिकित्सा को शरीर, मन, आत्मा और समाज के चारों स्तरों पर प्रभावी बताया।

विशिष्ट योगदान के लिए छह हस्तियों को किया गया सम्मानित
समारोह में डॉ. आदित्य भारद्वाज, डॉ. हरिचंद गुप्ता, डॉ. मुकेश कुमार अग्रवाल, डॉ. जसमीत सिंह बेदी, प्रीति गोयल और डॉ. सुमन बाला को उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

समीर चौधरी/महताब आज़ाद।

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