देवबंद: लेखक, कवि एवं पत्रकार डॉक्टरेट महताब आज़ाद ने उर्दू और हिन्दी साहित्य में अमूल्य योगदान देने वाले अंतरराष्ट्रीय शायर और कवि महेंद्र अश्क के निधन पर दुःख जताया है।
महताब आज़ाद ने कहा कि उनका चले जाना उर्दू और हिन्दी साहित्य का बड़ा नुक़सान है, उनकी कमी उर्दू और हिन्दी साहित्य जगत को हमेशा खलती रहेगी। महताब आज़ाद ने बताया कि उन्होने महेंद्र अश्क के साथ मंच पर काव्य पाठ किया जो कि उनके लिए सौभाग्य की बात है।
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