देवबंद: जामिया तिब्बिया मेडिकल कालेज देवबंद में मौलाना नदीमुल वाजदी के इंतिकाल पर शोक सभा का आयोजन किया गया।
सभा में प्रख्यात शायर डा. नवाज देवबंदी ने कहा कि मौलाना नदीमुल वाजदी का यूं अचानक दुनिया से रुखसत हो जाना बेचैन कर देने वाला है। उनसे मेरा गहरा संबंध था वह मेरे दोस्त थे। उनका इंतिकाल इल्मी जगत के लिए बड़ा नुकसान है जिसकी भरपाई होना भी मुश्किल है। जामिया तिब्बिया देवबंद के सचिव डा. अनवर सईद ने कहा कि मौलाना नदीम बड़े आलिम और मुसन्निफ होने के साथ ही बेहद सादा मिज़ाज और मिलनसार शख्सियत के मालिक थे। मौलाना ने अरबी और उर्दू जुबान में करीब 80 हजार पेज लिखे जो सैकड़ों किताबों और लेखों की शकल में मौजूद हैं। कहा कि मौलाना को उनकी बेमिसाल जिंदगी और खिदमत के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। अंत में मौलाना की मगफिरत के लिए सामूहिक दुआ की गई। कारी वासिफ, अशरफ उस्मानी, वजाहत शाह, प्रो. अनीस अहमद, डा. उबेद इकबाल आसिम, मुफ्ती आरिफ, फहीम नम्बरदार, अनस सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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