स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने वाले मोहम्मद शफी खां का इंतकाल,105 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस, कबड्डी व खो-खो खेल में रखते थे महारत।

देवबंद: कबड्डी और खो-खो खेल के खिलाड़ी तथा स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने वाले बन्हेड़ा खास गांव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति मोहम्मद शफी खां का 105 वर्ष की उम्र में इंतकाल हो गया।उनके इंतकाल पर नेताओं और ग्रामीणों ने दुख जताया है।
मोहम्मद शफी खां के पौत्र प्रसिद्ध चिकित्सक आमिर राव ने बताया कि दादा बन्हेड़ा गांव के सबसे उम्र दराज व्यक्ति थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा भी लिया और वह वह कबड्डी और खो-खो खेल में महारत रखते थे। क्षेत्र के बहुत से युवाओं ने उनसे इन खेलों के गुर सीखकर कामयाबी हासिल की है। उन्होंने बताया कि देर शाम गांव के ही कब्रिस्तान में उन्हें सुपूर्द-ए-खाक कर दिया गया। 
मोहम्मद शफी खां क्षेत्र के बड़े समाज सेवी भी माने जाते थे। 1919 में जन्मे समाज सेवी शफी खां ने स्वतंत्रता के आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। अपने जीवन काल में व खो-खो और कबड्डी के भी उत्कृष्ट खिलाड़ी माने जाते थे

उनके इंतकाल पर लोकनिर्माण विभाग राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कुंवर बासित अली, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. महेंद्र सैनी, नगर अध्यक्ष अरुण गुप्ता, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राव मशकूर, कारी राव साजिद, राव अकमल, राव आकिल, आरिफ सिद्दीकी, मो. इरफान, राव अरशद पत्रकार प्रशांत त्यागी, मनदीप शर्मा, मतीन खान ने आदि ने उनके इंतकाल पर गहरा दुख जताया।
गौरतलब हो समाज सेवी शफी खान देवबंद के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. आमिर राव के दादा थे। डा. आमिर राव ने बताया की दादा के निधन से पूरा परिवार सदमे में है।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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