नियमावली में संशोधन पर स्कूल संचालकों ने जताई नाराजगी, बोले साजिश के तहत मान्यता प्राप्त विद्यालयों का शोषण कर रही सरकार, प्राइवेट स्कूलों पर छापेमारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

देवबंद: उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक मलिक ने कहा प्रदेश में मान्यता प्राप्त विद्यालयों को बंद कराने की एक सोची समझी साजिश रची जा रही है। मानको और नए नियमों के नाम पर स्कूलों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मंगलवार को तहसील क्षेत्र के गांव बचीटी में स्थित एवीएम मॉडल पब्लिक स्कूल में आयोजित प्रदेश के मान्यता प्राप्त विद्यालयों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अशोक मलिक ने कहा कि मान्यता प्राप्त विद्यालय उत्तर प्रदेश में 95% छात्राओं को शिक्षा से नवाज रहे हैं। जबकि शेष अन्य पांच प्रतिशत छात्र प्राथमिक उच्च प्राथमिक और सरकार द्वारा संचालित इंटरमीडिएट कॉलेज में पढ़ रहे हैं। इसके पीछे मान्यता प्राप्त विद्यालय द्वारा लगातार की जा रही मेहनत और प्रशिक्षित स्टाफ को स्कूलों में रखना है। जिससे सरकार बौखला कर अब मान्यता प्राप्त विद्यालयों को टारगेट कर रही है ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में सरकार द्वारा जूनियर हाई स्कूल, हाई स्कूल, इंटरमीडिएट की मान्यता देने के लिए कठिन नियम बना दिए हैं। परिणाम स्वरूप इस वर्ष किसी भी विद्यालय द्वारा हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की मान्यता प्राप्त करने के लिए अपनी फाइल नहीं डाली है।  उन्होंने कहा कि सरकार यह नहीं चाहती कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे पढ़ें और देश का विकास हो।

जिला अध्यक्ष केपी सिंह ने कहा की सरकार मान्यता प्राप्त विद्यालयों का मानको के नाम पर शोषण कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी किया तो सरकार संशोधित नियमावली को वापस ले वरना मान्यता प्राप्त विद्यालय सरकार के सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज करेंगे। बैठक में जिला संगठन मंत्री धनंजय शर्मा, जिला उपाध्यक्ष विनोद कुमार और अंबर सिंह मौर्य ने भी विचार रखें। बैठक की अध्यक्षता गौतम सिंह व संचालन प्रशांत त्यागी ने किया। इस मौके पर वारिस अली त्यागी,‌ बबलू त्यागी, संसार सिंह, मास्टर कुलवीर सिंह, बाबूराम सैनी, राजकुमार, मास्टर सोमपाल, राजन कुमार, बृजेश त्यागी, निर्देश कश्यप, प्रवेश कुमार, संदीप कश्यप आदि रहे।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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