मध्य प्रदेश में सपा-कांग्रेस में दूरी, तो फिर यूपी में कैसे बनेगी बात? गठबंधन पर पड़ सकता है सीटों को लेकर समझौता न होने का असर।

लखनऊ(शिब्ली रामपुरी) उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव विपक्षी खेमे के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं और कांग्रेस से उनका गठबंधन है लेकिन जिस तरह से मध्य प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का समझौता नहीं हो रहा है उसके बाद से गठबंधन पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है

सपा ने रविवार को मध्य प्रदेश की 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए थे। इसमें पांच सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार घोषित कर रखे हैं। सपा ने पहले ही अपने लिए संभावित सीटों की सूची कांग्रेस को दी थी, जिसे तवज्जो नहीं मिली। मंगलवार को अखिलेश यादव से जब मीडिया ने कांग्रेस से गठबंधन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस को बताना होगा कि I.N.D.I.A. गठबंधन भारत के स्तर पर होगा या नहीं। अगर देश के स्तर पर है तो देश के स्तर पर है, अगर प्रदेश स्तर पर नहीं है तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर नहीं होगा। यह कांग्रेस को बताना होगा। जाहिर सी बात है जिस तरह से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के तेवर नजर आ रहे हैं और कांग्रेस मध्य प्रदेश में उनको तवज्जो नहीं दे रही है तो इसका असर उत्तर प्रदेश में गठबंधन पर जरूर पड़ सकता है और अखिलेश यादव ने यह बात साफ भी कर दी है कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि आखिर यह गठबंधन किस स्तर पर है।

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