अब 100 साल पुरानी हजरत मौलाना अशरफ अली थानवी की मशहूर किताब "बहीश्ती जेवर" को लेकर दारुल उलूम देवबंद को बनाया गया निशाना, 30 से अधिक लोगों ने बाल संरक्षण आयोग में दर्ज कराई शिकायत।

देवबंद: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ एक नई शिकायत बाल आयोग में दर्ज कराई गई है जिसमें आरोप लगाया गया दारुल उलूम देवबंद में "बहीश्ती जेवर" नाम की किताब के जरिए छात्रों को नाबालिगों की शादी, दुष्कर्म, अवैध संबंध आदि की पढ़ाई कराई जा रही है। हालांकि दारुल उलूम देवबंद की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि बहीश्ती जेवर दारुल उलूम देवबंद के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं है।

महिलाओं के शरई मसाइल को लेकर प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर मरहूम हज़रत मौलाना अशरफ अली थानवी की पुस्तक बहीश्ती जेवर से लिए कुछ मसलों पर आपत्ति जताते हुए दिल्ली की सामाजिक संस्था मानुषी सदन ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में पुस्तक को लेकर दारुल उलूम देवबंद पर सवाल खड़े किए गए हैं। साथ ही कार्रवाई की मांग की गई है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो से की गई शिकायत में विभिन्न क्षेत्रों के 30 प्रमुख लोगों ने आरोप लगाया है कि दारुल उलूम युवा छात्रों को ऐसी पढ़ाई करा रहा है जिसमें बलात्कार, नाबालिगों, पशुओं, मृतकों, महिलाओं आदि से यौन संबंधों को सही ठहराया है। यह संयुक्त राष्ट्र के बाल अधिकार कन्वेंशन और भारतीय कानूनों के विरुद्ध है।
सामाजिक संस्था मानुषी सदन ने लगभग 100 साल पहले लिखी गई पुस्तक बहीश्ती जेवर से लिए कुछ मसलों पर आपत्ति जताई है। इनमें दारुल उलूम के कुछ फतवों का जिक्र करते हुए संस्था को बाल अपराधी बताया है, साथ ही आरोप लगाया गया है कि ये किताब दारुल उलूम देवबंद के पाठ्यक्रम में शामिल जो अपने छात्रों को नाबालिगों की शादी, दुष्कर्म, अवैध संबंध आदि पढ़ाई करा रहा है। सदन ने दारुल उलूम के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसको लेकर मानुषी सदन की संस्थापक प्रसिद्ध लेखिका प्रोफेसर मधु पूर्णिमा किश्वर आदि ने इसके विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है। इस्लामिक जानकार मौलाना अहमद हुसैन का कहना है कि मौलाना अशरफ अली थानवी द्वारा लिखित पुस्तक बहीश्ती जेवर में लड़कियों और महिलाओं के मसले मसाइल हैं।

इस मामले में दारूल उलूम देवबंद के तंजीम- ओ तरक्की विभाग के अशरफ उस्मानी ने बताया कि मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी विदेश के सफर पर हैं, इस मामला की उन्हें जानकारी नहीं है। जो लौटने पर इस संबंध में जानकारी करेंगे उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। बताया कि बहीश्ती जेवर हज़रत मौलाना अशरफ अली थानवी की लिखी गई एक किताब है, जिसमें महिलाओं को शरीयत के मुताबिक जिंदगी गुजारने की शिक्षा दी गई है, ये किताब दारुल उलूम देवबंद के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हैं।

समीर चौधरी।

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