नज़र मंज़िल में समाज सुधार कार्यक्रम में हुआ दरुद पाक का वजीफा, मौलाना सालिम अशरफ ने बताई कुर्बानी की अहमियत।

देवबंद: दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने ईद-उल-अजहा पर्व पर रोशनी डालते हुए कहा कि कुर्बानी का यह त्योहार अल्लाह के लिए त्याग और समर्पण का प्रतीक है, और यह हजरत इब्राहीम की सुन्नत है।


बृहस्तपिवार की रात्रि सामाजिक संस्था "नज़र" की ओर से मोहल्ला खानकाह स्थित नजर मंजिल में इस्लाही मुआशरा (समाज सुधार) कार्यक्रम व दरुद-ए-पाक का वजीफा कराया गया। इस दौरान मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने कहा कि ईद-उल-अजहा को इस्लाम धर्म में इब्राहीम की सुन्नत करार दिया गया है। इसे एक बड़ी इबादत माना गया है। अल्लाह के हुक्म पर सपने को सच्चाई में बदल कर हजरत इब्राहीम ने दुनिया वालों को हक परस्ती की नसीहत दी। मौलाना सालिम अशरफ ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को अपनी तारीख और त्योहारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने सभी से बच्चों को दीनी तालीम दिलाने का आह्वान किया। अंत में उन्होंने सामूहिक रुप से मुल्क में अमनो अमान व आपसी सौहार्द के लिए दुआ कराई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला और पुरुषों ने हिस्सा लिया। इसमें नजम उस्मानी, ताहिर हसन शिबली, अंसार मसूदी, कमर उस्मानी, डॉ. शमशाद हुसैन, डॉ. अनीस, नबील मसूदी, दिलशाद उस्मानी, अब्दुल्ला उस्मानी, मो. ईसा, सोनू, शाहनवाज उस्मानी, सलमान, गुड्डू, नानू, काशिफ, मो. आजम व कोकब आदि मौजूद रहे।

समीर चौधरी/महताब आज़ाद।


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