दारूल उलूम देवबंद के नायब मुफ्ती राशिद आज़मी ने बताया, “देवबंद और आसपास के इलाकों में आसमान में बादल छाए रहने की वजह से चांद नहीं दिख पाया है, लेकिन बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु समेत कई राज्यों के कई हिस्सों में सोमवार को इस्लामी कलेंडर के आखिरी महीने ज़ुल हिज्जा का चांद आम तौर पर नज़र आया है और इसकी तसदीक (पुष्टि) हुई है।”
उन्होंने कहा, “लिहाज़ा ईद-उल-अज़हा का त्योहार 10 ज़ल हिज्जा यानी 29 जून, गुरुवार (जुमेरात) को मनाया जाएगा।”
बता दें कि बकरीद का त्योहार चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है, और ईद उल ज़ुहा या अज़हा या बकरीद, ईद उल फित्र के दो महीने नौ दिन बाद मनाई जाती है। वहीं मुस्लिम संगठन इमारत ए शरिया हिंद ने भी 29 जून 2023 को बकरीद का त्योहार मनाने का ऐलान किया है।
शाही जामा मस्जिद दिल्ली के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बयान में कहा कि मुल्क के अलग अलग हिस्सों में ज़ुल हिज्जा का चांद आम तौर पर देखा गया है और लिहाज़ा ऐलान किया जाता है कि बकरीद का त्योहार 10 जून को मनाया जाएगा।
इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर इब्राहिम अपने पुत्र इस्माइल (वह भी पैगंबर थे) को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया और वहां एक पशु की कुर्बानी दी गई थी जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है।
तीन दिन चलने वाले त्यौहार में मुस्लिम समुदाय के संपन्न लोग अपनी हैसियत के हिसाब से उन पशुओं की कुर्बानी देते हैं
समीर चौधरी।
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