इतिहास का सबसे बड़ा हज, 25 लाख मुसलमान पहुंचे मक्का, खुतबा-ए-हज में मुसलमानों को एकजुट रहने का आदेश, तकबीर से गूंजी सऊदी अरब की फिज़ा।।

मक्का: (समीर चौधरी) काबे शरीफ के तवाफ के साथ ही हज का अमल रविवार से शुरू हो गया। सफेद कपड़ों (अहराम) में दुनिया भर के मुसलमान इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल पहुंचे, जहां तकबीर ए तशरीक सऊदी की हवा में गूंजने लगी। हर साल शुरू होने वाली हज यात्रा इस बार एतिहासिक है। माना जा रहा है कि इस साल रिकॉर्ड भीड़ एतिहासिक है जिसे इससे पहले कभी नहीं देखा गया। सऊदी हज और उमरा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस साल इतिहास की सबसे बड़ी हज यात्रा होने वाली है। इस बार करीब 170 देशों से करीब 25 लाख मुसलमान इसमें शामिल हो रहे हैं।
मंगलवार को खुतबा ए हज में लाखों मुसलमान शामिल हुए,
शेख डॉ. यूसुफ बिन मुहम्मद बिन सईद ने अराफात के मैदान में निमरा मस्जिद से हज का खुतबा दिया, जिसे दुनिया भर के लाखों मुसलमानों ने टीवी पर लाइव सुना। ये खुतबा उर्दू सहित लगभग 20 भाषाओं में अनुवाद किया गया। हज उपदेश देते हुए, शेख डॉ. यूसुफ बिन मुहम्मद ने कहा, "हे ईमान वालों, इस दुनिया और उसके बाद के मामलों में अल्लाह के आदेशों को पूरा करो। अल्लाह ने बटने से मना किया है। " अल्लाह एक है, उसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, अल्लाह के अलावा सभी चीजें खत्म हो जाएंगी। 
शेख यूसुफ बिन मुहम्मद ने कहा कि नमाज अदा करने, जकात देने और गरीबों की मदद करने का आदेश दिया गया है। हज है यह भी इस्लाम के स्तंभों में से एक है। अल्लाह की इबादत ऐसे करो जैसे वह तुम्हें देख रहा हो। एक अरब को किसी विदेशी पर श्रेष्ठता नहीं है और एक विदेशी को किसी अरब पर श्रेष्ठता नहीं है। जिस तरह यह महीना पवित्र है, उसी तरह जीवन की पवित्रता भी ज़रूरी है। हां, दिन और रात अल्लाह की निशानियां हैं, अल्लाह की रस्सी को मजबूती से पकड़ो, अल्लाह की सीमाओं की रक्षा करने का मतलब है कि हम केवल अल्लाह की पूजा करते हैं, हर पैगंबर ने केवल अल्लाह की पूजा करने दावत दी।, नमाज, रोज़ा , जकात और हज का आदेश अल्लाह ने दिया है। हज का उपदेश देते हुए शेख यूसुफ बिन मुहम्मद ने कहा कि अल्लाह सबसे बड़ा, सबसे ताकतवर और सबका मालिक है, अल्लाह ने विभाजन को मना किया है, कुरान में एकता के महत्व को समझाया है। कहा कि एकता में ही दीन और दुनिया के मामले में खुशहाली है। मुसलमानों के लिए एक साथ रहना जरूरी है। अल्लाह ने कहा कि जो लोग आपस में मतभेद रखते हैं, वे मार्गदर्शन से दूर हैं। मुसलमानों को जुड़े रहना चाहिए। हमें हुक्म दिया गया है कि हम सही राह पर चलें। अगर हमारे बीच मतभेद है तो कुरान और सुन्नत से मदद लें। पवित्र कुरान में मुसलमानों को एकजुट होने का आदेश दिया गया है। 
कहा कि अच्छा आचरण दूसरों के दिलों में जगह बनाता है, मुसलमानों के लिए अच्छा होना जरूरी है। नैतिकता रखें, शुद्ध शरीयत का उद्देश्य मुसलमानों को एक-दूसरे से जोड़ना है, इसमें कहा गया है कि अपने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करें, पापपूर्ण कार्यों में सहयोग न करें, शैतान मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करना चाहता है, धर्म और तमाम शिक्षाएं हैं जो मुसलमानों को एक सूत्र में बांधती हैं, शरीयत का हुक्म है कि झगड़ा करने वालों को समझाया जाए, कहा जाता है कि उम्मत एक है, जो अल्लाह के हुक्म का पालन करती है।
मीना के अस्थायी तम्बू में, 8 ज़िल-हिज्ज के पूरे दिन के दौरान, पाँचों समय की नमाज़ अदा करने के बाद, दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री ज़िल-हिज्ज की 9 तारीख को फज्र की नमाज़ अदा करने के बाद मैदान अराफात में एकत्र हुए।  मैदान अराफात में अरफा का हज वक्फ अदा करने के बाद, तीर्थयात्रियों ने निमरा मस्जिद से हज उपदेश सुनने के बाद ज़ुहर और अस्र की नमाज एक साथ अदा की। मगरिब अज़ान के बाद, तीर्थयात्री अराफात से मुजदलिफा के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां वे मगरिब और ईशा की नमाज एक साथ अदा करेंगे।
हज यात्री मुजदलिफा में खुले आसमान के नीचे रात बिताएंगे, इबादत  करेंगे और शैतान को मारने के लिए कंकड़ इकट्ठा करेंगे। 10 जु-अल-हिज्ज को फज्र की नमाज के बाद वे मुजदलिफा से मीना लौटेंगे और हजरत इब्राहिम की सुन्नत का पालन करते हुए रामी जमरात और शैतान को पत्थर मारने के बाद कुर्बानी करेंगे, कुर्बानी के बाद हाजी एहराम उतार देंगे और बाल मुंडवाकर तवाफ जियारत के लिए मस्जिद अल-हरम जाएगा और मीना वापस जाकर तश्रीक के दिन गुजारेगा।
मीना को तीर्थयात्रियों के लिए तैयार किया गया है, खाद्य आपूर्ति लाई गई है और सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। इस साल का हज एक चुनौती है। इस बार तापमान करीब 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। सऊदी अधिकारियों ने कहा कि 32,000 से ज्‍यादा स्वास्थ्यकर्मी और हजारों एंबुलेंस हीटस्ट्रोक, डि-हाईड्रेशन और थकावट जैसे मामलों के इलाज के लिए तैयार हैं। 
बता दें कि साल 2020 में लागू कोरोनो वायरस महामारी प्रतिबंधों में अब जाकर पूरी ढील दी गई है। कोरोना महामारी के समय साल 2020 में सिर्फ 10,000 लोगों को हज करने की अनुमति दी गई थी। जबकि 2021 में 59,000 और पिछले साल दस लाख लोगों की सीमा थी।

समीर चौधरी।

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