दिल्ली: (शिब्ली रामपुरी) कुछ दिन पहले मुसलमानों के सामने समय-समय पर आ रही समस्याओं को लेकर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को एक पत्र लिखा था और अब जमीयत उलेमा हिंद के नेता मौलाना महमूद मदनी समेत मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़े लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनके सामने मुसलमानों के साथ हुई हिंसा की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए नफरत फैलाने वालों पर सख्ती से लगाम कसने की मांग की।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी समेत 16 मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलेमाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सांप्रदायिक हिंसा, नफरत एवं ‘इस्लामोफोबिया' (इस्लाम के प्रति दुराग्रह) और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर की गई.मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों के इस प्रतिनिधिमंडल में महमूद मदनी, नासेह एजुकेशनल ट्रस्ट के मौलाना शब्बीर नदवी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी, इस्लामी मामलों के जानकार अख्तरुल वासे, पीए इनामदार और अन्य लोग शामिल थे। गृहमंत्री अमित शाह ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल की बात को गंभीरता से सुना और जल्दी ही इस पर ठोस कदम उठाने का आश्वासन भी दिया।
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