इस सोच से बाहर निकलो कि कमजोर हो तुम, मुस्लिम महिलाओं के सामने पेश आने वाली समस्याओं को लेकर मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन।

मुंबई: (शिब्ली रामपुरी) कई सामाजिक संगठनों की ओर से महिला दिवस पर मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें न सिर्फ तलाकशुदा महिलाओं की समस्याओं को सुना गया बल्कि जिनके शौहर का इंतकाल हो चुका है उन महिलाओं को किन हालात से गुजरना पड़ता है यह जानने की भी कोशिश की गई और उनको पैगाम दिया गया कि तुम अपने आप को कमजोर मत समझो अपने जहन से यह सोच निकाल दो कि तुम कमजोर हो बल्कि ये सोचो तुम बहुत ताकतवर हो और बहुत कुछ कर सकती हो और कर भी रही हो लेकिन इसके लिए बुलंद हौसले की जरूरत है वह हौसला अपने अंदर लाओ और उस हौसले को बरकरार रखो।

मुंबई के कोकणी हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में कई मशहूर उन महिलाओं ने भी शिरकत की कि जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में काबिले तारीफ काम किया है.मशहूर एडवोकेट फरहाना शाह ने भी कार्यक्रम में शिरकत कर अपने विचार व्यक्त किए और मुस्लिम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हालात किस के सामने ऐसे नहीं आते कि इंसान घबरा जाता है लेकिन हमको घबराना नहीं है बल्कि उन हालातों का डटकर मुकाबला करना है. जब हम सच्ची लगन से काम करेंगे तो हमें जरुर कामयाबी मिलेगी।
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी की बहन इशरत शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि अगर हम अपने दिलो दिमाग में यह बात बैठा लेंगे कि हम तो बहुत कमजोर हैं हम कुछ नहीं कर सकते हैं तो हकीकत में हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं हमें इसी सोच को अपने अंदर से निकालना है और यह सोचना है कि हम बहुत मजबूत इरादे रखने वाले हैं और हर औलाद से हमको निपटना आता है अगर हम यह सोच रखेंगे तो कभी भी जिंदगी में हम किसी भी तरह के हालात से नहीं घबरायेंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं की तरक्की में रुकावट है तो मैं उनको बता दूं कि मैं हमेशा से हिजाब करती हूं और कभी भी हिजाब ने मुझे किसी भी तरह से परेशान नहीं किया बल्कि मैं तो बहुत गर्व से कहती हूं कि हिजाब मेरा गर्व है और मुझे कभी कोई हिजाब में रुकावट नहीं हुई।
मुफ्ती अशफाक क़ाज़ी ने कहा कि यह भी बड़े अफसोस की बात है कि आज जरा जरा सी बात पर तलाक हो जाते हैं घर उजड़ जाते हैं. इन हालातों में हमें जल्दबाजी ना करके समझदारी से काम लेने की जरूरत है ताकि कोई भी घर ना उजड़े क्योंकि यदि एक तलाक होता है तो उससे एक नहीं कई जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं की तलाकशुदा और बेवा औरतें किस तरह से अपना छोटा सा कोई बिजनेस शुरू कर सकें ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके और आर्थिक तौर पर उनको कोई परेशानी जिंदगी में पेश ना आ सके।
कार्यक्रम में मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं की काउंसलिंग भी विशेषज्ञ महिलाओं द्वारा की गई और उनको बताया गया कि परेशान होने की जरूरत नहीं है किसी भी तरह की मानसिक परेशानी है तो उसका इलाज मुमकिन है।

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