निकाय चुनाव की तैयारी तकरीबन मुकम्मल ही है अब राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करना है।
सहारनपुर नगर निगम समेत सभी नगर पालिका और नगर पंचायतों के आरक्षण की सूची जारी होने के बाद अब सबकी निगाहें टिकी हुई है कि किस पार्टी से चुनावी मैदान में किस प्रत्याशी को किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा. निकाय चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों का मुकाबला एक के बाद एक कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती जा रही भारतीय जनता पार्टी से है. सहारनपुर में इमरान मसूद के बसपा में आने के बाद से यहां पर बहुजन समाज पार्टी की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है लेकिन जिस तरह से मौजूदा सांसद हाजी फजलुर्रहमान और इमरान मसूद के बीच सियासी दूरियां नजर आती हैं उससे कहीं ना कहीं लोगों में इस बात की चर्चा है कि यदि यह गुटबाजी और बढ़ती है तो फिर आने वाले समय में निकाय चुनाव में बसपा को इसका कम या ज्यादा तौर पर नुकसान जरूर उठाना पड़ेगा।
इमरान के बसपा का दामन थामने के बाद से सांसद हाजी फजलुर्रहमान पूरी तरह से खामोश हैं और किसी भी मौके पर उन्होंने इमरान मसूद के बारे में कोई भी बयान नहीं दिया यहां तक कि जब इमरान मसूद बसपा में शामिल होकर सहारनपुर आए तो उनके स्वागत समारोह में भी वर्तमान सांसद मौजूद नहीं थे।
सांसद हाजी फजलुर्रहमान की यह रहस्यमई खामोशी काफी कुछ बयान करती है जिसे लोग अपने अपने तरीके से समझने का प्रयास कर रहे हैं और खुद बसपा के नेताओं में भी अंदरूनी तौर पर इस बात की चर्चा है कि क्या सांसद हाजी फजलुर्रहमान और इमरान मसूद एक ही पार्टी में होने के बावजूद एक प्लेटफार्म पर आ सकेंगे।
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