सहारनपुर की रामपुर मनिहारान नगर पंचायत सीट ऐसी सीट रही कि जिस पर काफी लंबे समय तक चौधरी बाबूराम (स्वर्गीय)और शाहबुद्दीन के बीच ही कांटे की टक्कर हर चुनाव में होती रही, यह सिलसिला काफी लंबे वक्त तक चला हालांकि चौधरी बाबूराम जहां कई बार नगर पंचायत चेयरमैन रहे वहीं शाहबुद्दीन अहमद को चेयरमैन बनने का मौका सिर्फ एक बार ही मिला.
दोनों दिग्गज नेताओं के राजनीतिक मुकाबले का यह आलम था कि बाबू और शाबू के नाम की हर चुनाव में धूम रहती थी.
वर्ष 2006 में अनिल अग्रवाल ने बहुत कम अंतर से रामपुर मनिहारान नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर कामयाबी हासिल की थी और चौधरी बाबूराम दूसरे नंबर पर रहे थे।
साल 2012 में रामपुर मनिहारान नगर पंचायत सीट ओबीसी हुई और यहां पर चौधरी बाबूराम के परिवार से ही प्रदीप चौधरी की पत्नी पूनम चौधरी ने सफलता हासिल की.
अनुसूचित जाति के लिए साल 2017 में नगर पंचायत अध्यक्ष पद आरक्षित होने पर यहां से शकुंतला देवी ने बसपा के कुलदीप बालियान को शिकस्त देकर सफलता हासिल की और अब यह सीट आरक्षित होने से यहां पर दर्जन भर के करीब संभावित प्रत्याशी विभिन्न राजनीतिक दलों से ताल ठोक रहे हैं जिनमे कई दिग्गज हैं तो कुछ नए चेहरे भी मैदान में उतरने की तैयारी में काफ़ी वक़्त से लगे हैं।
अब किस राजनीतिक पार्टी से किसके नाम पर मोहर लगती है यह तस्वीर भी जल्दी ही साफ होने वाली है।
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