लखनऊ/मुजफ्फरनगर: सपा नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान के बाद अब बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी की भी विधनसभा सदस्यता रद्द हो गई है।
मुजफ्फर नगर दंगों के मामले में खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीजेपी के खतौली विधायक विक्रम सैनी को दो साल और दस हजार रुपए सुनाई थी। जिसके बाद आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें राज्यसभा सांसद ने सतीश महाना से बीजेपी विधायक को सजा होने के बाद उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग रखी थी, अब उनकी मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने ये फैसला किया है।
इस से पहले समाजवादी पार्टी के रामपुर से विधायक आजम खान की सदस्यता रद्द हुई थी। इसके बाद अब बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी की भी सदस्यता रद्द हुई है, बीजेपी विधायक को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो साल की सुनाई थी।
विधानसभा की सदस्यता संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि मुजफ्फरनगर की खतौली सीट के भाजपा विधायक विक्रम सैनी को अदालत की ओर से दोषसिद्ध किए जाने के समय से ही वह विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो चुके हैं। वह इस समय विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। खन्ना ने कहा कि विधानसभा सचिवालय तो सिर्फ सीट को रिक्त घोषित करता है। अदालत के निर्णय की प्रमाणित प्रति न मिल पाने के कारण ही कदाचित भाजपा विधायक की सीट को अब तक रिक्त घोषित नहीं किया जा सका है लेकिन अदालत का निर्णय सुनाए जाने के क्षण से ही उनकी सदस्यता समाप्त मानी जाएगी।
बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने सपा के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की विधायकी जाने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से पत्र लिखकर सवाल पूछा था कि आजम की विधानसभा की सदस्यता चली गई किंतु खतौली के विधायक विक्रम सैनी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जयंत ने जन लोक प्रतिनिधित्व कानून का हवाला देते हुए सतीश महाना से विक्रम सैनी के प्रकरण में भी शीघ्र कार्रवाई की मांग की थी। ऐसे में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधायक विक्रम सैनी की विधानसभा की सदस्यता पर स्थित साफ करते हुए इसे रद्द बताया है।कोर्ट की प्रमाणित प्रतिलिपि मिलने रिक्त घोषित होती है सीट।
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