देवबंद: ईद मिलाद-उल-नबी के अवसर पर नई दिल्ली में स्थित ईरान कल्चर हाउस में 23वें तीन दिवसीय अखिल भारतीय कुराआनी मुसाबका और कैलीग्राफी प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारत और ईरान के हाफिज ए क़ुरान और सुलेखकों ने भाग लिया।
मुकाबले में दारुल उलूम देवबंद के दो कातिब (केलीग्राफर) मौलाना अब्दुल जब्बार और मुंशी कातिब मंसूर अहमद की कैलीग्राफी को भी शामिल किया गया।
भारत में ईरान के राजदूत डॉ. इराज इलाही, कल्चरल सलाहकार डॉ. मोहम्मद अली रब्बानी और अन्य मेहमानों ने कातिब मंसूर अहमद की केलीग्राफी को खूब पसंद किया और उनकी कला की सराहना करते हुए उन्हें विषेश सम्मान, प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार से नवाजा।
बता दें कि कातिब मंसूर अहमद देवबंद के मशहूर कैलीग्राफर मुहम्मद अहमद के बेटे हैं। कातिब मंसूर अहमद ने कई किताबें भी लिखी हैं और लगभग 45 वर्षों से वह इस कला से जुड़े हुए हैं। ईरान कल्चर हाउस में सुलेखक मंसूर अहमद की यह भागीदारी मौलाना शहजाद द्वारा हुई थी, जिन्हें हाल ही में देवबंद में ईरान कल्चर हाउस द्वारा फारसी भाषा के शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
कातिब मंसूर अहमद को उक्त सम्मान मिलने पर मौलाना डॉक्टर उबेद आसिम, मौलाना शहजाद कासमी, पत्रकार रिजवान सलमानी, अतहर उस्मानी, ईदगाह कमेटी के सचिव मौलाना अनस सिद्दीकी आदि ने बधाई दी।
समीर चौधरी।
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