देवबंद में आयोजित शेरी नशिस्त में शायरों ने उम्दा कलाम सुनाकर जमकर लूटी वाहवाही।
देवबंद: मोहल्ला महल में आयोजित शेरी नशिस्त में शायरों ने उम्दा कलाम सुनाकर जमकर वाहवाही लूटी। शुरुआत अकील मियां की नात-ए-पाक से हुई। युवा शायर वली वकास ने अपने दिल के जज्बात बयां करते हुए पढ़ा..ख्वाब यह है कि तुझे ख्वाब में देखूं लेकिन, आंख खुलते ही बिछड़ने का ख्याल आता है।
शनिवार की रात्रि हुई शेरी नशिस्त में उस्ताद शायर अब्दुल्ला राही ने कहा..आईनें तोड़ डाले गए, कम निगाही की हद हो गई। शमीम किरतपुरी ने कुछ यूं पढ़ा..बंदा परवर हम तेरे अहसान में मारे गए, जीतना था हमको लेकिन जानकर हारे गए। जुहैर अहमद जुहैर ने कहा..ये अलग बात की इजहार नहीं कर सकते, हम तेरे इश्क से इन्कार नहीं कर सकते। डा. काशिफ अख्तर ने कुछ यूं पढ़ा..गले लगा के मुझे दे गया महक अपनी, ओर अपने साथ मेरी याद ले गया काशिफ सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। इनके अलावा अदनान अनवर, सरवर देवबंदी, उजैर अनवर, जाहिद दिलबर, नबील मसूदी और नदीम अनवर ने भी अपना कलाम सुनाया। अध्यक्षता अब्दुल्लाह राही व संचालन वली वकास ने किया। इसमें उमैर अहमद, जुहैब, अरीफ अहमद, माविया खालिद, शिराज अहमद आदि मौजूद रहे।
समीर चौधरी/महताब आज़ाद।
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