मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर के इंतकाल पर साद सिद्दीकी ने जताया गहरा दुख, बोले वह एक चलती फिरती लाइब्रेरी थे, शिक्षा और साहित्य जगत का बड़ा नुकसान।
देवबंद: प्रसिद्ध विद्वान, मशहूर लेखक और दारुल उलूम वक्फ देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर के इंतकाल पर इस्लामिक जगत के साथ-साथ नगर में भी शोक का माहौल है। रात 11:00 बजे गमगीन माहौल में उनके बेटे मुफ्ती खुबैब अनवर ने नमाजे जनाजा अदा कराई और मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर को मजारे अनवरी में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया।
उनके अचानक इंतकाल पर स्प्रिंग डेल पब्लिक स्कूल के चेयरमैन साद सिद्दीकी ने गहरे दुख का इजहार करते हुए कहा कि मौलाना नसीम अख्तर के अचानक इंतकाल से उन्हें बहुत सदमा पहुंचा है। उन्होंने बताया कि मौलाना से मेरा बेहद करीबी ताल्लुक था और वह हमेशा अपने मुफीद, नेक और इल्मी मशवरों से नवाजते थे, साद सिद्दीकी ने कहा कि मौलाना का इंतकाल देवबंद के शिक्षा और साहित्य का बहुत बड़ा नुकसान है, उनकी कमी जल्दी पूरी नहीं होगी। वह एक व्यक्ति नहीं बल्कि चलती फिरती लाइब्रेरी थे और हमेशा इल्मी गुफ्तगू करते थे।
साद सिद्दीकी ने कहा कि कौम और मिल्लत का दर्द रखने वालों का हमारे बीच से अचानक चले जाना पूरी मिल्लत के लिए बड़ा नुकसान है। अल्लाह ताला मौलाना की बाल-बाल मगफिरत फरमाए और घर वालों को सब्र जमील अता फरमाए।
समीर चौधरी।
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