24 सितंबर को 14 राज्यों के विभिन्न शहरों में किया जाएगा जमीयत सद्भावना संसद का आयोजन, हिंदू-मुस्लिम सहित सभी धर्मों के धर्मगुरु होंगे शामिल।

24 सितंबर को 14 राज्यों के विभिन्न शहरों में किया जाएगा जमीयत सद्भावना संसद का आयोजन, हिंदू-मुस्लिम सहित सभी धर्मों के धर्मगुरु होंगे शामिल। 
देवबंद: देश में फैले नफरत के जहर को खत्म करने के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा आयोजित की जानी वाली सद्भावना संसद की श्रृंखला का दूसरा चरण 24 सितंबर को होगा। इसमें करीब 14 राज्यों के विभिन्न शहरों में सद्भावना संसद का आयोजन किया जाएगा। जिसमें हिंदू-मुस्लिम सहित सभी धर्मों के धर्मगुरु शामिल होंगे। 

बुधवार को जमीयत सद्भावना मंच के संयोजक मौलाना जावेद सिद्दीकी कासमी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सद्भावना संसद के कार्यक्रम महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, हरियाणा, मेवात और पंजाब, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, झारखंड और गोवा आदि राज्यों में आयोजित किए जाएंगे। जिसमें सर्वधर्म के धर्मगुरुओं को शामिल किया जाएगा। सभी एकसुर में मुल्क में आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करने के लिए आवाज बुलंद करेंगे। जमीयत उलमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने कहा कि देश की वर्तमान स्थिति किसी से ढकी-छिपी नहीं है। ऐसे में देश से प्रेम करने वाले जिम्मेदार नागरिक और संगठन, विशेषकर जमीयत उलमा-ए-हिंद चुप नहीं रह सकते और नफरत एवं घृणा फैलाने वाली इन शक्तियों के विरुद्ध शांति, एकता, आपसी भाईचारे और धार्मिक सद्भाव का वातावरण पैदा करने के लिए मिल जुलकर पहल करना अपना कर्तव्य समझते हैं। उन्होंने कहा कि मानवता के विरुद्ध विचार रखने वाले लोग लगातार संरक्षण पा रहे हैं। जिसके चलते मुल्क में वर्ग विशेष को लेकर जहर घोला जा रहा है और उनके नरसंहार की खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं। बताया कि इसी नफरत को खत्म करने के लिए जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर प्रत्येक माह अलग अलग राज्यों के शहरों में सद्भावना संसद आयोजित की जा रही है। पहला चरण 28 अगस्त को संपन्न हो चुका है। जबकि दूसरा चरण 24 सितंबर को होगा। 

समीर चौधरी।

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