निजीकरण के खिलाफ कल हड़ताल पर रहेंगे विद्युत कर्मचारी, विभाग के कार्यालयों पर लटकेगा ताला।

निजीकरण के खिलाफ कल हड़ताल पर रहेंगे विद्युत कर्मचारी, विभाग के कार्यालयों पर लटकेगा ताला।
देवबंद/लखनऊ: सरकार द्वारा लिए गए विद्युत विभाग के निजीकरण के फैसले के विरुद्ध कल सोमवार 8 अगस्त को हड़ताल पर रहेंगे विद्युत कर्मचारी, विद्युत विभाग के सभी कार्यालयों पर रहेगा ताला बंदी
उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आवाहन पर कल सोमवार हड़ताल रहेगी, संघर्ष समिति का कहना है कि निजी करण कर्मचारियों के साथ-साथ प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है निजीकरण के बाद बहुत महंगी हो जाएगी। बिजली की एक यूनिट हो पांच से सात रूपये महंगी हो जाएगी। संयुक्त संघर्ष समिति ने आम जनता से अपील की है कि विद्युत विभाग के निजी करण का खुलकर विरोध करें।

सोमवार को संसद में इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 प्रस्तुत किये जाने की सम्भावना के मद्देनजर संघर्ष समिति ने आह्वान किया है कि राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजनाओं पर सोमवार यानी आठ अगस्त को सभी बिजली कर्मचारी व अभियन्ता मध्याह्न 12 बजे से एक स्थान पर एकत्र रहेंगे। यदि बिल संसद में रखा जाता है तो उसी समय से हड़ताल प्रारम्भ हो जायेगी।
संघर्ष समिति द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार केन्द्र सरकार जिस दिन संसद के किसी भी सत्र में इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) electricity amendment bill 2022 बिल 2022 प्रस्तुत करेगी। उसी समय सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी व अभियंता कार्य छोड़कर कार्य स्थल से बाहर आ जाएंगे और दिन भर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इसके अतिरिक्त आगमी 10 अगस्त को राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर अपराह्न 04 बजे से 05 बजे तक विरोध प्रदर्शन किये जाएंगे।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का कहना है कि इस बिल से बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं पर दूरगामी प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाले हैं। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र लिखकर यह वायदा किया था कि किसानों तथा सभी स्टेक होल्डर्स से विस्तृत वार्ता किए बगैर बिल संसद में नहीं रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से आज तक कोई वार्ता नहीं की है। इस बिल से ऊर्जा क्षेत्र की सरकारी कम्पनियां आर्थिक तौर पर दिवालिया हो जाएंगी।


समीर चौधरी/इकराम अंसारी।

Post a Comment

0 Comments

देश