"हजरत जी संसारपुरी" मुफ्ती सैयद मुकर्रम हुसैन के जनाजे में उमड़ी हजारों की भीड़, गमगीन आंखों के साथ संसारपुर में किए गए सुपुर्द ए खाक।
सहारनपुर: हजरत जी संसारपुर सैयद मुकर्रम हुसैन कासमी का लंबी बीमारी के चलते शुक्रवार की दोपहर निधन हो गया। उनके इंतकाल की खबर से देश दुनिया में गम की लहर दौड़ गई। 89 वर्षीय मुफ्ती मुकर्रम हुसैन की गिनती देश के बड़े बुजुर्गों और उलेमा में थी, उन्हें मुस्लिम जगत में बड़ा इस्लामिक धर्मगुरु माना जाता था।
मगरिब की नमाज के बाद संसारपुर की ईदगाह में उनकी जनाजे की नमाज सहारनपुर में स्थित मशहूर मदरसा मजाहिर उलूम के नाजिम मौलाना आकिल ने पढ़ाई जिसके बाद उन्हें संसारपुर के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। उनके जनाजे में आसपास सहित दूरदराज से बड़ी संख्या में लोग शामिल होने पहुंचे थे, हजारों की संख्या में लोग उनके जनाजे में शामिल हुए हैं। संसारपुर की ईदगाह में जगह ना होने के कारण लोगों ने मस्जिदों और घरों की छतों पर नमाज अदा की हालांकि भारी संख्या में लोग उनकी नमाजे नहीं पढ़ सके।
बता दें कि सहारनपुर के ग्राम संसारपुर के हजरत मौलाना मुफ्ती सैय्यद मुकर्रम हुसैन काजमी का लंबी बीमारी के चलते आज निधन हो गया है, जिससे पूरे मुस्लिम समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। हजरत मौलाना मुफ्ती सैय्यद मुकर्रम हुसैन काजमी हजरत रायपुरी के आख़िरी खलीफा थे। हजरत के चाहने वालों की तादाद केवल भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में थी यानी हजरत के लाखो मुरीद है जो हजरत से बैत थे हजरत मौलाना मुफ्ती सैय्यद मुकर्रम हुसैन काजमी ने अपनी गद्दी (खलीफा) अपने पोते जनाब हजरत मौलाना मुफ़्ती सैय्यद उज्जैर काजमी को बनाने की पहले ही घोषणा कर चुके थे, हजरत मौलाना मुफ्ती सैय्यद मुकर्रम हुसैन काजमी के चाहने वालों में मुस्लिम वर्ग से अलावा अन्य धर्मों के लोग भी है, हजरत मौलाना मुफ्ती सैय्यद मुकर्रम हुसैन काजमी एक नेक दिल इंसान थे जो हर समय अपने मुरीद को नेकी और मानवता के रास्ते पर चलने के प्रवचन दिया करते थे आपके इसी मानवता भरे प्रवचनो के लिए है मुस्लिम वर्ग के साथ अन्य वर्ग के लोग भी प्रेम करते थे।
समीर चौधरी।
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