ईद-उल-अजहाः बेतहाशा महंगाई के बावजूद नगर में पशुओं की खरीदारी ने पकड़ा जोर।

ईद-उल-अजहाः बेतहाशा महंगाई के बावजूद नगर में पशुओं की खरीदारी ने पकड़ा जोर।
देवबंद: ईद-उल-अजहा पर कुरबानी देने को बाजारों में पशुओं की खरीदारी शुरु हो गई है। इस बार कुरबानी के जानवरों की कीमतों में खासा इजाफा है। जिसके चलते ग्राहकों को पशु व्यापारियों से कीमतों को लेकर बहस करते देखा जा सकता है। 
ईद-उल-अजहा का त्योहार दस जुलाई को मनाया जाएगा। इसके लिए लोगों ने अल्लाह की राह में कुरबानी देने को जानवरों की खरीदारी करनी शुरु कर दी है। लेकिन इस ‍वर्ष पशुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होने से लोगों को मुश्किलें भी उठानी पड़ रही है। बाजार में बिक्री को लाए गए पशु (कटरे) की कीमत 35 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक है। जबकि बकरे की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। इस बार बकरे की कीमत भी 22 हजार रुपये से शुरु होकर 30 हजार रुपये तक पहुंची हुई है। बताया गया है कि इस वर्ष बाजार में एक लाख तक के मवेशी बिक्री के लिए आए हुए हैं।
पशु व्यापारी मो. सलीम का कहना है कि इस बार जानवर कम होने की वजह से पशुओं की कीमतें बढ़ी हुई है। लेकिन उसके बावजूद अल्लाह की राह में कुरबानी देने का जज्बा लोगों में ऐसा है कि वह महंगा जानवर भी खरीद रहे हैं।   

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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