उर्दू के मशहूर लेखक और टीचर अब्दुल्ला उस्मानी का निधन, नगर में दौड़ी शोक की लहर।

उर्दू के मशहूर लेखक और टीचर अब्दुल्ला उस्मानी का निधन, नगर में दौड़ी शोक की लहर।
देवबंद: मशहूर उर्दू लेखक और टीचर अब्दुल्ला उस्मानी का अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया, उनके इंतकाल की खबर से नगर में शोक की लहर दौड़ गई। करीब रात 10:00 बजे तबीयत बिगड़ी और 12:00 बजे उनका इंतकाल हो गया।
52 वर्षीय अब्दुल्ला उस्मानी नगर के मशहूर आमिल हाफिज फहीम उस्मानी के छोटे भाई थे और वह उर्दू दुनिया में जाना पहचाना नाम थे, उर्दू के राष्ट्रीय अख़बारों में लगातार उनके आर्टिकल छपते थे इसके अलावा वह करीब आधा दर्जन किताबें भी लिख चुके थे। उर्दू दुनिया में उनकी विशेष पहचान थी और वे सैकड़ों आर्टिकल लिख चुके थे, व्यक्ति विशेष पर लिखने में अब्दुल्ला उस्मानी को मजबूत पकड़ हासिल थी। अब्दुल्ला उस्मानी को लिखने पढ़ने और किताबों से इश्क था यही कारण है कि वह जब भी मिलते तो किताबों और लिखने पढ़ने की ही बात करते।
उन्होंने अपने क़लम से देवबन्द के बुजर्गों, आलिमों, लेखकों, शायरों और अन्य विशेष व्यक्तियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिचित कराया, उनके 500 से अधिक लेख उर्दू के राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। 
अब्दुल्ला उस्मानी की तीन किताबें प्रकाशित हो चुकी थी जबकि तीन और किताबों पर उनका काम चल रहा था।
अब्दुल्ला उस्मानी 1994 से उर्दू टीचर के तौर पर ब्लॉक देवबंद में शिक्षा के मैदान में अपनी सेवाएं दे रहे थे।
उनके अचानक निधन से नगर में शोक की लहर दौड़ गई और बड़ी संख्या में उलेमा, लेखक, टीचर पत्रकारो सहित नगर के गणमान्य लोगों का उनके आवास मोहल्ला गद्दीवाडा पर तांता लगा हुआ है। नमाजे जनाजा शनिवार की सुबह 10:00 बजे दारूल उलूम देवबंद में मुफ्ती सलमान मंसूरपुरी ने अदा कराई और कासमी कब्रिस्तान में तदफीन अमल में आई। अब्दुल्ला उस्मानी के दो छोटे बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं।
अब्दुल्लाह उस्मानी के अचानक निधन से देवबंद टाइम्स को भी गहरा झटका लगा है, दुख की इस घड़ी में हम उनके परिवार के साथ है, अल्लाह पाक अब्दुल्ला उस्मानी की मगफिरत करे और घर वालों को सबर दे। अमीन।

समीर चौधरी।

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