आजम खान की तमाम कोशिशों के बावजूद भी रामपुर में नहीं दौड़ सकी सपा की साइकिल, बसपा के चुनावी मैदान में ना उतरने का भी मिला भाजपा को फायदा।
(शिब्ली रामपुरी)
उत्तर प्रदेश के रामपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव के नतीजों पर सबकी नजरें लगी हुई थी इसकी वजह ये थी कि आजम खान ने यहां पर प्रचार की कमान ख़ुद संभाल रखी थी और समाजवादी पार्टी की ओर से आसिम रजा को चुनावी मैदान में उतारा गया था. इस सीट पर चुनाव भले ही आप आसिम लड़ रहे थे लेकिन माना यह जा रहा था कि असल में मुकाबला आजम खान से ही है चुनाव प्रचार की कमान भी बहुत मजबूती और जोशो खरोश के साथ आजम खान ने ही संभाल रखी थी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तो प्रचार में भी नहीं उतरे थे.
काबिले गौर है कि उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट सबसे मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है.यहां पर 52% मुस्लिम वोटों की संख्या है. रामपुर सीट पर सबसे पहले सांसद मौलाना अबुल कलाम आजाद बने थे और वह स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री भी थे. रामपुर में भाजपा को मिली जीत पर पार्टी में जश्न का माहौल है. भाजपा प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव ने इस जीत को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश की सभी सीट को जीतने जा रही है यह रामपुर से शुरुआत हो चुकी है.
रामपुर सीट पर बसपा ने कोई प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं उतारा था जिस पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता भुवन जोशी ने कहा कि बसपा की वजह से ही यहां पर शिकस्त हुई है उन्होंने हार का ठीकरा बसपा पर फोड़ते हुए कहा कि चुनाव नतीजे इस बात का प्रमाण है कि बसपा भाजपा की बी टीम है. रामपुर सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने सपा प्रत्याशी आसिम रजा को 42 हजार से ज्यादा वोटों से चुनावी मैदान में पराजित किया है. जिस तरह से भाजपा ने यहां पर शानदार तरीके से सफलता हासिल की है उससे कहीं ना कहीं इस बात का इशारा मिलता है कि रामपुर में आजम खान की जो पकड़ जनता पर पहले थी वह अब कमजोर पड़ती जा रही है.
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