आईआईए के प्रतिनिधिमंडल का दारुल उलूम देवबंद के जिम्मेदारों ने किया भव्य स्वागत, मेहमानों ने की संस्था की देश सेवाओं और शिक्षा प्रणाली की जमकर प्रशंसा।
एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद पहुंच कर संस्था के मोहतमिम और नायब मोहतमिम से मुलाकात की। इस दौरान संस्था के जिम्मेदारों ने प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत करते हुए उन्हें दारुल उलूम बारे में संपूर्ण जानकारी देते हुए इस्लामिक पुस्तकें भेंट की और बताया कि दारुल उलूम देवबंद पिछले डेढ़ सो साल से इस्लाम धर्म के शांति और भाईचारे के संदेश को पूरे विश्व में पहुंचा कर भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है।
गुरुवार को आईआईए के प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामी तालीम के मशहूर ईदारे दारुल उलूम देवबंद पहुंच कर मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, नायाब मोहतमिम मुफ्ती राशिद आज़मी से मुलाकात की। इस दौरान मेहमान खाने में प्रतिनिधिमंडल का संस्था के जिम्मेदारों ने भव्य स्वागत किया।
मोहतमिम मौसमी मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने आईएईए के प्रतिनिधिमंडल के दारुल उलूम देवबंद पहुंचने पर खुशी जताते हुए कहा कि इस तरह के मिलने जुलने से आप सी दूरियां कम होती है और समाज में जो भ्रम की और गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं वह दूर होती है।
उन्होंने इंटरनेट द्वारा भ्रमित प्रचार और युवा पीढ़ी को इतिहास की गलत जानकारी दिए जाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि हमें अपने युवाओं को सही जानकारी देनी चाहिए और उनका ध्यान गलत चीजों से हटाकर शिक्षा और सही दिशा पर लगाने के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दारुल उलूम देवबंद के दरवाजे हमेशा सभी के लिए खुले हुए हैं हर वर्ग व हर समाज के लोग कभी भी यहां आ सकते हैं, दारुल उलूम देवबंद एक पारदर्शी शिक्षा प्रणाली के साथ काम करता है, जहां धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां छात्रों को देश सेवा और देशभक्ति सिखाई जाती है, यहां के छात्रों का किसी भी तरह की हिंसा से कोई लेना देना नहीं होता है। दारुल उलूम देवबंद ने देश की आजादी में मुख्य भूमिका निभाई है और उसके बाद देश की सेवा के लिए लगातार काम कर रहा है।
मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने अपने हाथों से दारूल उलूम देवबन्द का इतिहास नामक किताब सभी आईआईए के लोगों को भेंट की।
संस्था के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने दारूल उलूम के खूबसुरत किरदार और यहाँ के बेहतरीन शिक्षा प्रणाली नियम व कानून पर रोशनी डालते हुए कहा कि यहाँ के छात्र नियम कानून का पालन करते हुए देश प्रेम की भावना रखते हुए मोहब्बत और इन्सानियत का पैगाम देते है।
आईआईए के राष्ट्रीय सदस्य दीपक राज सिघंल, पूर्व चेयरमैन बिजेश कंसल, अकुर गर्ग, विजय गिरधर ने मस्जिद रसीद, नई लाईब्रेरी,किमती पुस्तकों का संग्रालय, शिक्षा की पादर्शिता देख कर और दारूल उलूम देवबंद के के इतिहास के बारे में जानकारी कर हर्ष व्यक्त किया, जिस पर उन्होंने हर्ष व्यक्त किया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल जर्रार बेग, पंकज गुप्ता, कुनाल गिरधर, दीपक राज सिंघल, बिजेश कंसल, अंकुर गर्ग, विजय गिरधर, राज किशोर, सुमित धवन, शिव प्रसाद अग्रवाल, ऋतेश बंसल, एडवोकेट, पुनित बंसल, नीरज कसल, ग्रिरीश कोहली, राजीव भाटिया, डा० सुखपाल सिंह ने दारूल उलूम के निजाम, साफ सफाई, शिक्षा प्रणाली और मेहमान नवाजी की भरपूर प्रसंशा की तथा आभार व्यक्त किया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने दारुल उलूम देवबंद का भ्रमण करके संस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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