दारुल उलूम देवबंद की मजलिस ए शूरा के सदस्य मौलाना निजामुद्दीन खामोश का इंतिकाल, इस्लामिक जगत में गम का माहोल।

दारुल उलूम देवबंद की मजलिस ए शूरा के सदस्य मौलाना निजामुद्दीन खामोश का इंतिकाल, इस्लामिक जगत में गम का माहोल।
देवबंद: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद की मजलिस ए शूरा के सदस्य एवं गुजरात के मशहूर आलिम ए दीन मौलाना निजामुद्दीन खामोश का शनिवार को मुम्बई में इंतिकाल हो गया। वह 55 साल के थे। मौलाना के इंतिकाल की खबर से इस्लामिक हलकों में गम का माहौल है।

दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने इंतिकाल की खबर पर गहरे दुख का इजहार करते हुए कहा कि मौलाना निजामुद्दीन का इंतिकाल दारुल उलूम देवबंद के लिए भी बड़ा नुकसान है। मौलाना मरहूम ने अपनी मुख्तसर सी जिंदगी में जो दीनी खिदमत की है वह काबिले तारीफ है। दारुल उलूम के सदर मुदर्रिस मौलाना अरशद मदनी ने भी मशहूर आलिम ए दीन मौलाना निजामुद्दीन खामोश के इंतिकाल पर गहरे दुख का इजहार किया और उनके लिए दुआए मगफिरत की। 
इनके अलावा जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, शूरा सदस्य मौलाना अनवार बिजनौरी, दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मुफ्ती राशिद आजमी, दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी, शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने भी मौलाना निजामुद्दीन खामोश के इंतिकाल पर गम का इजहार किया है। 
गौरतलब होगा कि मौलाना निजामुद्दीन दारुल उलूम देवबंद के पूर्व कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना गुलाम रसूल खामोश के पुत्र हैं। 2010 में अपने पिता के इंतिकाल के बाद से वह गुजरात के विभिन्न मदरसों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। और चार वर्ष पूर्व उन्हें दारुल उलूम देवबंद की मजलिस ए शूरा का सदस्य बनाया गया था।

समीर चौधरी।

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