हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी को लेकर विवाद ने पकड़ा ज़ोर, तृणमूल नेता की 24 घंटे के अंदर मामला दर्ज करने की मांग।

हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी को लेकर विवाद ने पकड़ा ज़ोर, तृणमूल नेता की 24 घंटे के अंदर मामला दर्ज करने की मांग।
नई दिल्ली: उत्तराखंड के हरिद्वार में धर्म संसद में वक्ताओं की 'कड़वी बयानबाजी' को लेकर लोगों में गुस्सा है। धर्म संसद के वक्ताओं ने कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की वकालत की और हिंदू राष्ट्र के लिए संघर्ष का आह्वान किया।

सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य ने विवादास्पद भाषण की कड़ी निंदा की और कार्रवाई की मांग की। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता और आरटीआई कार्यकर्ता साकित गोखले ने आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। तीन दिवसीय धर्म संसद सोमवार को समाप्त हो गई थी।
इस का वीडियो वायरल होने के बाद आरटीआई कार्यकर्ता और तृणमूल कांग्रेस साकेत गोखले ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने ज्वालापुर पुलिस स्टेशन में एसएचओ को शिकायत दी है। उन्होंने लिखा, ''24 घंटे में आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष वाद किया जाएगा।'' इस सम्मेलन का आयोजन यति नरसिंहानंद की ओर से किया गया था। इसमें हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंद गिरी, स्वामी आनंदस्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा आदि वक्ता के रूप में शामिल हुए। आखिरी दिन बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय भी पहुंचे थे। हालांकि, उन्होंने इससे अपने आप को अलग करते हुए कहा कि वह केवल 30 मिनट वहां रुके थे और उन्हें नहीं पता कि यहां क्या कहा गया।

कार्यक्रम को समाप्त हुए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभद्र भाषा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वक्ताओं को इस तरह के भाषणों पर कोई पछतावा नहीं है, उनमें से ज्यादातर सत्तारूढ़ भाजपा से होने का दावा करते हैं। बार-बार लेने पर पुलिस ने मीडिया को  कहा कि अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है क्योंकि अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। हरि द्वार के एसपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा, 'पुलिस स्थिति पर नजर रखे हुए है। 
उधर, जमीअत उलमा हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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