सिख धर्म के खिलाफ लगातार बेअदबी की तीन वारदातें? आख़िर इन घिनौनी वारदातों के पीछे किया है बड़ी साजिश?

सिख धर्म के खिलाफ लगातार बेअदबी की तीन वारदातें? आख़िर इन घिनौनी वारदातों के पीछे किया है बड़ी साजिश?
सिख धर्म के ख़िलाफ़ लगातार 3 कथित बेअदबी की वारदातें हुई हैं सबसे पहली वारदात किसान आंदोलन के दौरान हुई जिसके बाद सिख समाज के निहंगों ने मौके पर ही आरोपी को मौत के घाट उतार दिया। 
उसके बाद दूसरी वारदात अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में हुई और यहां पर भी समाज के नाराज़ लोगों ने आरोपी की पीट पीटकर हत्या कर दी। 
इस घटना को हुवे चंद घण्टे भी नही बीते थे कि कपूरथला में गुरुद्वारा में पवित्र निशान साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया और आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया और नतीजे में फिर वही सब हुवा और समाज के आक्रोशित लोगों की भीड़ ने आरोपी को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
बहस चल पड़ी की किया बेअदबी की सज़ा मौत के रूप में हो सकती है और आरोपी की निर्मम हत्या की जा सकती है? मगर बड़ा सवाल ये है कि आखिर कियूं लगातार बेअदबी की 3 घटनाएं हुई जो नौबत निर्मम हत्या तक पहुंची।

सिख समाज की श्रध्दा निशान साहिब और गुरु ग्रन्थ साहिब के प्रति जगजाहिर है तो उनको उकसाने के लिये ये सब किया जा रहा है या फिर उपरोक्त तीनो घटनाओं में सिरफिरे और पागल लोगों का ही हाथ था ये तो वाकई जांच का विषय है मगर सोचने वाली बात तो है कि आख़िर इन तीनो घटनाओं में किसी देश या बड़े संघटन की बड़ी साजिश तो काम नही कर रही है जो एक धर्म के लोगो को लगातार उकसा रहा हो, किसान आंदोलन के एक साल के दौरान जिस तरह से सिखों पर आरोप लगाये गए और उनको खालिस्तानी उग्रवादी का तमगा कुछ लोगो द्वारा दिया जाता रहा वो भी उनको उकसाने की ही नाकाम कोशिश थी मगर आंदोलन कर रहे तमाम धर्मो के किसानों ने ये साजिश नाकाम कर दी थी, आंदोलन के दौरान बेअदबी की वारदात के बाद हुई आरोपी की हत्या पर भी बावेला मचा मगर आरोपी निहंगों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और साजिशों को नाकाम कर दिया, उस वक़्त भी आरोपी निहंगों ने साफ कहा कि ये हत्या बेअदबी को लेकर की गई है और अगर आगे भी ऐसी वारदात होती है तो अंजाम यही होगा।
उन्होंने ये भी दावा किया कि बेअदबी के बाद आरोपी की हत्या से किसान आंदोलन का कोई ताल्लुक नही है और इसको उससे जोड़कर न देखा जाये।
कपूरथला में हुई बेअदबी के बाद आरोपी की हत्या में हालांकि ये भी दावा किया जा रहा है कि आरोपी ने मरने से पहले इकरार किया कि उसको पैसे देकर इसके लिए भेजा गया था मगर ये दावा अभी अपुष्ट है, लेकिन फिर भी सोचने वाली बात तो है कि सिलसिलेवार लगातार 3 वारदात हुई तो आखिर इसके पीछे कोई घिनौना मकसद है सिखों को भड़काने का या फिर ये मामला सिरफिरे लोगों की करतूत तक ही सीमित है।

हिंदुस्तान में तमाम मजहबों और बहुत सारी जातियों में बंटे लोग रहते हैं जिनकी पूजा पद्ति अलग अलग है जिसको वो फॉलो करते आ रहे है और कानून सबको बराबर अधिकार देता है और सबको सबके धर्मो का आदर सम्मान करने की बात कहता है, ज़ाहिर बात है देश के दुश्मन नही चाहते कि हिंदुस्तान में अमन रहे तो वो सब धर्म को सबसे शानदार हथियार समझते हैं आपस की एकता को खत्म करने के लिये,  वो जानते हैं कि अगर सब धर्म के लोग आपस मे मिलकर रहेंगे तो भारत अखंड रहेगा और अगर धर्म के नाम पर जनता को लड़ाया जाये तो भारत की अखंडता को नुकसान पहुंचाया जा सकता है, विदेशी ताकतें भी इसी ताक में रहती हैं और देश मे मौजूद देश के दुश्मन भी लोगो को लड़ाने की जुगत में लगे रहते हैं मगर यही भारत की हमेशा से खूबी भी है कि इन तमाम साजिशों के बावजूद भी हर धर्म के लोग आपस मे मुहब्बत से रह रहे हैं और दुश्मनों की साजिशों को नाकाम करते रहते हैं।
बेअदबी की इन तमाम वारदातों के बाद सिख समुदाय के जिम्मेदारों की तरफ़ से भी कहा गया कि पहले हुई बेअदबी की वारदातों के बाद अगर आरोपियों को उचित सज़ा दी जाती तो शायद नौबत यहां तक नही आती, आख़िर कियूं पहले हुई वारदातों में शामिल लोगों को सज़ा नही मिली तो इसमें वहां की सरकार को जवाब देना चाहिए और सिख समुदाय को बताया जाना चाहिए कि उन मामलों में किया कार्येवाही अमल में लाई गई है।
बहरहाल ये मामले सिर्फ़ सिख समुदाय ही नही देश की अखंडता को भी चुनौती देते नजर आते हैं सरकार को चाहिये कि इन मामलों की हाई लेवल कमेटी के सुपुर्द किया जाये और मियाद तय की जाये कि इन मामलों की तह तक पहुंचना है और सच्चाई को देश के सामने लाना है कि आखिर इन मामलों के पीछे किसी विदेशी ताकतों का हाथ है या फिर देश मे ही मौजूद देश विरोधी ताकतें ऐसी साजिशें रच रहे हैं,मामले में दोषी पाए जाने वाले लोगों पर शीघ्रतम कड़ी से कड़ी कार्येवाही होनी चाहिए जिससे कोई भी नापाक ताकत किसी भी धर्म की बेअदबी न कर सके न सोचने की हिम्मत कर सके,सिख समाज का देश के प्रति योगदान किसी से भी कभी छुपा नही रहा इस समाज का देश के प्रति योगदान हमेशा सराहनीय रहा है और उसकी कद्र भी की गई है तो फिर ऐसी तमाम साजिशों का पर्दाफाश भी बहुत जल्द ज़रूरी है कि आखिर कौन है वो जो इस बहादुर क़ौम को उकसा रहा है।

फैसल खान "वरिष्ठ पत्रकार" (एडिटर यू पी 24 न्यूज़)

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