मौलाना आज़ाद के तालीमी मन्सूबों को आगे बढ़ान हमारा पहला फर्ज़ है : डाक्टर सिराज हाशमी (सालार ग़ाज़ी)

मौलाना आज़ाद के तालीमी मन्सूबों को आगे बढ़ान हमारा पहला फर्ज़ है : डाक्टर सिराज हाशमी (सालार ग़ाज़ी)
हाशमी गर्ल्स पी जी कॉलिज में मनाया गया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस।
अमरोहा: हाशमी गर्ल्स पी0जी0 कालेज में अंजुमन तरक्की उर्दू उत्तर प्रदेश की जानिब सें मौलाना अबुल कलाम आज़ाद लाईबरेरी में आज़ाद हिन्दुस्तान के पहले वज़ीरे तालीम मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की यौमे पैदाइश को यौमे तालीम के रूप मंे मनाया गया। इस मौके पर शहर के मशहूर शायर जीशान अली शौक को हाशमी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।जिसकी सदारत अज़ीम साजिद ने की।  

हाशमी एजुकेशनल गु्रप के चेयरमैन व कालेज प्रबंधक डाॅ0 सिराजउद्दीन हाशमी ने छात्राओं को खिताब करते हुए कहा कि आज ही के दिन 1888 को मक्का मुअज़्ज़मा में पैदाइश हुई थी। हमे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के तालीमी मन्सूबों को आगे बढ़ाना और उन पर अमल करना हमारा पहला फर्ज़ है। मौलाना आज़ाद से तरगीब लें और आवाम को आपस में लडाने के बजाए अमन चैन और आपसी भाई चारे का सबक दें। मौलाना आज़ाद सारी ज़िन्दगी देश में विदेशों से मरासीन के ताअल्लुक से आपस में भाई चारें के जस्बे को बढ़ावा देते रहें। मौलाना आजा़द के तालिमी मन्सूबों को आम किया जाए। अगर किसी समाज से उसका पिछड़ा पन जहालत मिटानी है तो उस समाज को तालिम याफता करना होगा, क्योंकि तालीम ही एक वाहिद जरिया है जिससे हर मैदान में कामयाबी हासिल की जा सकती है। 

इस मौके पर मेहमाने खूसुसी हाजी शबी अहमद खा ने अपना ख्याल रखते हुए कहा कि इस वक्त कौम में सबसे ज़्यादा ज़रूरत तालीमी पसमान्दगी को खत्म करना है ताकि मुस्तकबिल में यह कौम गुलामी नही बल्कि हुकमरानी वाली ज़िन्दगी गुजार सके। कौम में तालीमी ग्राफ का बढ़ना यकीनन सुनहरे मुस्तकबिल की आलामत है। अगर हमें मुस्तहकम होना है, तो पूरी ज़िम्मेदारी और इमान्दारी के साथ अपने बच्चों आला तालीम से अरास्ता कराना होगा। हमारे बुज़ुर्गों ने जो तालिमी फरोग के लिए कोशिशे की आज हमे उसको अपनाने और उस मिशन को आगे बढ़ाने की ज़रूरत है, मगर यह काम तब ही हो सकता है जब हम ज़िम्मेदारी लें।

इस मौके पर अज़ीम साजिद ने कहा कि अपने दिल में मुल्क व मिल्लत का भी जज़्बा रखना होगा। मौलाना आज़ाद कौमी यकजहती की एक मिसाल है। मौलाना अबुल कलाम हिन्दुस्तान की आज़ादी लड़ाई लड़ने वालों में सफे अव्वल के मुजाहिदे आज़ादी थे उन्होनें अंग्रज़ो से मुल्क को आज़ाद कराने की खातीर बड़ी कुर्बानिया दी। मौलाना आज़ाद हिन्दु मुस्लिम भाईचारे की एक मिसाल थे। महात्मा गांधी के पयामे इन्सानियत सच्चाई सत्यग्रह इन्कालाब में शरीक थे और हर लम्हा उनकी बात दूसरो तक पहुचाते थे। 

इस मौके पर जीशान अली शौक ने अंजुमन तरक्की उर्दू उत्तर प्रदेश के नयाब सदर डाॅ0 सिराज उददीन हाशमी व समस्त स्टाफ का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मै मशकुर व ममनून हू के उन्होने मुझे योमे तालिम पर हाशमी अवार्ड से नवाज़ा हाशमी साहब जो उर्दू की तरक्की के लिए काम कर रहे है वह एक मिसाल है। जब तक हम उर्दू ज़ुबान को अपने बच्चों को अपने घरों में नही पढाने के तब तक हम तहज़ीब व अदब से दूर रहेंगें।  

इस मौके पर फहीम नबी, शीबान कादरी, मिसबाह अहमद सिददीकी, नासिर अमरोही, गुलरेज़ अब्बासी, गुलज़ार अमरोही, मेहरबान सैफी, व काॅलेज का समस्त स्टाफ मौजूद रहा। इस सेमिनार की निज़ामत नूर मौहम्मद ने की।

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