उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत के दौरान हुई 22 वर्षीय युवक अल्ताफ की मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज।

उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत के दौरान हुई 22 वर्षीय युवक अल्ताफ की मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज।
कासगंज: यूपी के कासगंज में पुलिस हिरासत में हुई 22 वर्षीय युवक अल्ताफ की मौत के मामले में पुलिस ने मृतक के पिता की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। एफआईआर दर्ज होने की जानकारी देते हुए कासगंज के एसपी रोहन बोत्रे ने कहा कि, "ये घटना 9 तारीख को हुई है, उस प्रकरण को पहले मेरे द्वारा विभागीय जांच एडिशनल एसपी को सौंपी गयी थी, साथ ही में पांच पुलिसकर्मियों का निलंबन किया गया था और डीएम द्वारा मैजस्ट्रियल जांच भी खोली गयी थी, कल रात को मुझे रजिस्ट्री के द्वारा एक तहरीर प्राप्त हुई है और उस तहरीर को हमने आज पंजीकृत किया है। यह तहरीर धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ पंजीकृत की गई है।"
एफआईआर की कॉपी में घटना के विवरण में चाँद मिया की तहरीर के आधार पर लिखा है कि, "मेरे बेटे अल्ताफ को थाने में ही मारा गया है गया है क्योंकि थाने के बाथरूम में टोटी लगभग 2 फुट की है और मेरे बीटा 5 फुट से ज़्यादा है। मेरे बेटे की साज़िशन हत्या हुई है। मैंने किसी प्रशासनिक अधिकारी और किसी अन्य से कोई समझौता नहीं किया है। मुझसे दबाव बनाकर अंगूठा लगवाया गया था, मुझे इंसाफ दिलाइये।"

उधर, पुलिस के मुताबिक़ अल्ताफ ने डिप्रेशन में आ कर आत्महत्या कर ली थी, कासगंज के एसपी रोहन पी बोत्रे का कहना है कि पोस्टमॉर्टम में पाया गया है कि, "एस्फिक्सिया ड्यू टू एंटी मॉर्टम हैंगिंग" मौत का कारण है। आसान भाषा में कहा जाए तो इसका मतलब मृत्यु के पहले फांसी लगने से दम घुटना है।

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