शिक्षा ही समृधि का मार्ग प्रशस्त करती है - प्रोफ़ेसर अख़्तर उल वासे (सालार ग़ाज़ी)

शिक्षा ही समृधि का मार्ग प्रशस्त करती है - प्रोफ़ेसर अख़्तर उल वासे (सालार ग़ाज़ी)
अन्जुमन तरक़्क़ी उर्दू के तत्वधान में आयोजित हुआ स्वागत समारोह।
अमरोहा: अन्जुमन तरक़्की उर्दू उत्तर प्रदेश के तत्वधान में वाइस चान्सलर मौलाना आज़ाद उर्दू ओपन युनिवर्सटी जोधपुर राजस्थान प्रोफ़ेसर अख़्तर उल वासे का स्वागत हाशमी हाउस अमरोहा पर किया गया 
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष अन्जुमन तरक़्क़ी उर्दू उत्तर प्रदेश प्रसिद्ध समाजिक कार्यकर्ता डाक्टर सिराज उद्दीन हाशमी ने प्रोफ़ेसर अख़्तर उल वासे का स्वागत किया 
अतिथि ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते कहा कि 
आर्थिक समृद्धि के साथ सामाजिक सम्मान पाने के लिए शिक्षा रूपी हथियार ही सबसे कारगर है। जरूरत है शुरू से ही बच्चों में संस्कारयुक्त शिक्षा देने के अलावा खेलकूद व सामाजिक गतिविधि आधारित ज्ञान देने की
बालिकाओं के शैक्षिक विकास से देश की समृद्धि का रास्ता खुलता है। गरीब बालिकाओं को शिक्षित बनाकर उनके विकास के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। ग्रामीण अंचल में जागरुकता से ही बालिका शिक्षा की दर को बढ़ाया जा सकता है। इनको शिक्षित करने के लिए अभिभावक संजीदगी दिखाएं।
शिक्षा मनुष्य जीवन का एक अनिवार्य अंग है । इसके बिना हमारा जीवन अधुरा है । शिक्षा हमें गुरू द्वारा प्राप्त एक अमृत रूपी फल है । जिससे व्यक्ति का मानसिक , शारीरिक, सामाजिक नैतिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक विकास होता है प्रोफ़ेसर वासे ने आगे कहा
शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना पैदा करना भी हैं । यह भाव हम बच्चों के जीवन में शुरूआत में ही पैदा कर सकते हैं । इसके बिना शिक्षा का महत्व ही शून्य हो जायेगा । शिक्षा सामाजिक बुराईयों को मिटाने का एक मात्र रास्ता हैं ।
स्कूली ज्ञान ही शिक्षा नहीं हैं । शिक्षा व ज्ञान को सीमित शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता हैं । शिक्षा का मूल उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति के लिये समर्पण भाव व निरंतर सीखने की प्रवृत्ति पैदा करना है । जो बच्चों के जीवन में अनुशाशन, पारिवारिक सुख-समृद्धि, आर्थिक परिपक्वता, सामाजिकता एवं राष्ट्रीयता की भावना लाती हैं।
बोले शिक्षा द्वारा प्राप्त ज्ञान से हम जीवन में परिस्थितियों का सामना करने के लायक बनते हैं। हमारे दृष्टिकोण में परिपक्वता आती हैं शिक्षित होने से हमारा सामाजिक स्तर ऊॅंचा उठता हैं । हमें व्यवहारिकता, आत्मविष्वास, सकारात्मकता, परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य, मानव धर्म के कर्त्तव्य और उद्देश्यों को समझना व निभाना, आदि का ज्ञान शिक्षा द्वारा ही प्राप्त होता हैं ।
इस अवसर पर डाक्टर सिराज उद्दीन हाशमी ने प्रोफ़ेसर अख़्तर उल वासे का धन्यवाद किया वहीं मुशाहिद अली अब्बासी हकीम ताज उद्दीन हाशमी आदिल रशीद अंसारी डाक्टर बुरहान उद्दीन हाशमी शहज़ाद अब्बासी इमरान सिद्दीक़ी व अन्य सदस्य मौजूद रहे।

रिर्पोट: सालार गाजी
Posted By: Sameer Chaudhary

Post a Comment

0 Comments

देश