लोहिया ने साबित किया समाजवादी दृष्टिकोण ही सत्ता अहंकार को तोड़ सकता है : महबुब अली (सालार ग़ाज़ी)

लोहिया ने साबित किया समाजवादी दृष्टिकोण ही सत्ता अहंकार को तोड़ सकता है : महबुब अली (सालार ग़ाज़ी)
राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर गोष्ठी का आयोजन 

अमरोहा: स्वतंत्र भारत की राजनीति और चिंतन धारा पर जिन गिने-चुने लोगों के व्यक्तित्व का गहरा असर हुआ है, उनमें डॉ. राममनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण प्रमुख रहे हैं। भारत के स्वतंत्रता युद्ध के आखिरी दौर में दोनों की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण रही है।

उपरोक्त विचार विधायक अमरोहा अध्यक्ष पी ए सी उत्तर प्रदेश व पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार समाजवादी पार्टी के कद्दावर लीडर महबुब अली ने अपने कैम्प कार्यलय पर समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर आयोजित विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुऐ किये सर्प्रथम राम मनोहर लोहिया की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए महबुब अली ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की लोहिया के जीवन पर प्रकाश डालते हुए महबुब अली ने कहा कि देश की राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख बदल दिया जिनमें से एक थे राममनोहर लोहिया। 

अगर जयप्रकाश नारायण ने देश की राजनीति को स्वतंत्रता के बाद बदला तो वहीं राममनोहर लोहिया ने देश की राजनीति में भावी बदलाव की बयार आजादी से पहले ही ला दी थी। अपनी प्रखर देशभक्ति और तेजस्‍वी समाजवादी विचारों के कारण वह अपने समर्थकों के साथ ही अपने विरोधियों के मध्‍य भी अपार सम्मान हासिल किया।

इस अवसर पर डाक्टर आफ़ताब सैफ़ी मुख़्तार नक़वी हाजी इक़रार दानिश सिद्दीक़ी अज़ीम एडवोकेट व अन्य लोग उपस्थित रहे।

रिर्पोट: सालार गाजी
Posted By: Sameer Chaudhary

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