राजस्व विभाग और पुलिस पर शोषण का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने किया परिवार के साथ आत्महत्या करने का प्रयास, पुलिस प्रशासन में हड़कंप।

राजस्व विभाग और पुलिस पर शोषण का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने किया परिवार के साथ आत्महत्या करने का प्रयास, पुलिस प्रशासन में हड़कंप।

देवबंद: देवबंद क्षेत्र के सापला खत्री गांव में जमीनी रंजिश को लेकर दो पक्षों में विवाद चला आ रहा है। इसी के चलते शुक्रवार को एक पक्ष के शख्स ने पुलिस और राजस्व विभाग पर शोषण का आरोप लगाते हुए अपने परिवार के साथ आत्मदाह करने का प्रयास किया, घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया, आनन-फानन पहुंची पुलिस ने मामले को शांत करते हुए दोनों पक्षों के 6 लोगों को हिरासत में लिया।
गांव सांपला खत्री में शहजाद और तौफीक के परिवारों में पिछले 25 वर्षों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों पक्षों के बीच न्यायालय में भी यह मामला चल रहा है। शहजाद न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए पिछले कुछ दिनों से अपने हिस्से की जमीन खसरा संख्या 131 में निर्माण कार्य करा रहा था। इससे नाराज तौफीक अपने बच्चों को लेकर शुक्रवार को निर्माण स्थल पर जा पहुंचा और अपनी पत्नी तीनों बच्चों पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आत्महत्या का प्रयास करने लगा। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने तौफीक और उसके परिवार को किसी तरह रोके रखा और पुलिस को घटना की जानकारी दी।

सूचना पाते ही पुलिस प्रशासन में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के छह लोगों को हिरासत में लिया और कोतवाली ले आई। प्रभारी निरीक्षक योगेश शर्मा ने बताया कि दोनों पक्षों से जमीन के दस्तावेज मंगाए गए हैं। बताया कि उक्त प्रकरण सिविल कोर्ट में भी है। जिसमें एक पक्ष के पास खसरा संख्या 131 में निर्माण कार्य में हस्तक्षेप न होने देने निर्देश हैं। दस्तावेजों के निरीक्षण के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उधर,तौफीक पक्ष का आरोप है कि राजस्व विभाग और पुलिस दूसरे पक्ष के दबाव में आकर कार्य कर रही है। उन्हें जमीन से बेदखल कर दूसरे पक्ष का कब्जा कराया जा रहा है। प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।

राजस्व अधिकारी रिजवान अली ने बताया कि शहजाद पक्ष खसरा नबंर 131 का स्वामी है जबकि तौफीक पक्ष खसरा नबंर 158 का स्वामित्व रखता है। निर्माण कार्य 131 में हो रहा है। जिसकी जांच रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय में भी दे दी गई है।

समीर चौधरी।

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