मदरसा माहद-ए-आयशा सिद्दीकिया में दुरूद शरीफ पर अनोखी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन, सोफिया ने प्राप्त किया पहला स्थान।

मदरसा माहद-ए-आयशा सिद्दीकिया में दुरूद शरीफ पर अनोखी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन, सोफिया ने प्राप्त किया पहला स्थान।
देवबंद: मदरसा माहद-ए-आयशा सिद्दीकिया कासिम-उल-उलूम लिल बनात में बारह रबीउल अव्वल के उपलक्ष्य में छात्राओं के बीच पैगंबर मोहम्मद साहब (सल्लाह.) पर आधारित (दुरूद शरीफ) लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें छात्रा सोफिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

सोमवार को मोहल्ला अबुल बरकात स्थित मदरसे में हुई प्रतियोगिता में सोफिया ने प्रथम, जुवैरिया ने दिव्तीय व शाहिना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जिन्हें प्रतीक चिंह व नकद धनराशि का पुरस्कार दिया गया। जबकि अन्य छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार दिए गए। प्रतियोगिता में 35 छात्राओं ने प्रतिभाग किया। 

इस अवसर संस्था के शेखुल हदीस व अरबी के प्रसिद्ध विद्वान मौलाना नदीम-उल-वाजदी ने कहा कि हमने छात्राओं को पेंटिंग से हटाकर दुरुद शरीफ लिखने का मौका दिया। जिसमें छात्राओं ने अपनी लेखनी का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि क्योंकि रबीउल अव्वल का महीना हमारे लिए बहुत ही अहम है और हजरत मोहम्मद साहब की जात हम सबके लिए बहुत ज्यादा अहतराम (इज्जत) के काबिल है। कहा कि हजरत मोहम्मद साहब के जो हक हम पर हैं उनमें से पहला हक इमान लाना है, दूसरा इताअत (अनुसरण) करना, तीसरा आपके हर अमल को जिंदगी में उतारना, चौथा मोहब्बत करना है और पांचवा हक दुरुद शरीफ पढ़ना है। उन्होंने कहा कि छात्राओं को यह समझाया गया कि दुरुद शरीफ बहुत बड़ी फजीलत की चीज है। इसमें बहुत सी मुश्किलों और परेशानियों का इलाज है। 

कार्यक्रम में मौलाना महमूद कासमी, मुफ्ती मो. शाकिर कासमी, मुफ्ती मेराज कासमी, मौलाना रिजवान कासमी आदि मौजूद रहे। 

समीर चौधरी।

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