कुरान और रसूल की शिक्षा के अनुसार जिंदगी जीने का आह्वान। मुस्लिम कमेटी के तत्वधान में 14 वां जलसा आयोजित।(सालार ग़ाज़ी)

कुरान और रसूल की शिक्षा के अनुसार जिंदगी जीने का आह्वान। मुस्लिम कमेटी के तत्वधान में 14 वां जलसा आयोजित।(सालार ग़ाज़ी)
अमरोहा: मुस्लिम कमेटी अमरोहा के तत्वधान में जश्ने ईद मिलादुन्नबी के 17 दिवसीय कार्यक्रम का 14 जलसा मोहल्ला कुरेशी असगर गार्डन निकट वासुदेव बाद नमाज ईशा ज़ेरे सदारत हाजी इकरार अहमद अंसारी (पूर्व सभासद) मुनाकिद हुआ।

जलसे की शुरुआत हाफिज अतीक ने तिलावते कलाम ए पाक से की, इसके बाद मिर्जा अनस, अमजद कासमी, मौलाना साद अमरोही, वसीम अमरोही आदि में नातिया कलाम पेश किए। कार्यक्रम का संचालन हाजी खुर्शीद अनवर ने किया, जलसे को संबोधित करते हुए हजरत मौलाना डॉक्टर शहवार हुसैन नकवी ने बयान दिया कि अल्लाह ताला ने हमको दुनिया में देने वाला बनाया और आज हम इस्लाम और कुरान की तालीम से दूर होने की वजह से अपना हाथ फैला रहे हैं, यह वास्तव में सही इसलाम नहीं है, इस्लाम ने और हुजूर ने जो रास्ता दुनिया को दिखाया उस पर चलकर हम कामयाबी हासिल कर सकते हैं, हमारे ऊपर जकात वाजिब है इसलिए हमारी माली हालत दुरुस्त होनी चाहिए और हमें अगर हमारी माली हालत दुरुस्त होगी तो हम गरीब मिस्कीन बेवाओं आदि की भी मदद कर सकते हैं।

इसके बाद हजरत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद सालिम कासमी साहब ने जलसे को खिताब करते हुए फरमाया कि आज हम तालीम की अहमियत को भूल चुके हैं इस्लाम ने सबसे पहले तालीम की अहमियत पर जोर दिया, उन्होंने बताया की तालीम का ज़िक्र कुरान में सबसे पहले आया है, जो नाजिल हुई है उसमें तालीम हासिल करने का जिक्र आज हमने तालीम का दामन छोड़ दिया, इसलिए दुनिया में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, हमें मजबूती के साथ तालिम का दामन पकड़ना होगा। हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो सल्लम में तालीम की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा की तालीम के बगैर हमारे लिए हर चीज बेकार दुनिया की हर चीज चुराई जा सकती है लेकिन तालीम एक ऐसी चीज है जिसको कोई नहीं चुरा सकता।

उन्होंने बताया की तालीम हासिल करना हर औरत और मर्द दोनों पर फ़र्ज़ है, तालीम हासिल करने के लिए मां का शिक्षित होना जरूरी है, अगर महिला शिक्षित होगी तो परिवार शिक्षित हो जाएगा, उन्होंने कहा कि हम कुछ भी करें लेकिन तालीम हासिल करें इसी से हमारा विकास संभव है, जिसके बाद *हजरत मौलाना मुफ्ती दानिश उल कादरी मुरादाबादी* ने जनता को संबोधित करते हुए इल्म की अहमियत पर जोर दिया उन्होंने कहा कि आज हमें दीनी वह दुनियावी तालीम में बैठकर अलग किया गया, जबकि इस्लाम दोनों इल्मो को हासिल करने का हुक्म देता है, तालीम का दामन मजबूती से पकड़ना है इसी में हमारी कौम की तरक्की है। आज हम अपने बच्चों को तालीम से आरास्ता कराएं, दीनी और दुनियावी तालीम पर उनको अच्छी तरबीयत दे, उन्होंने कहा कि तालीम तरबीयत पर्दा करना जरूरी हम तालीम के बिना समाज में दुनिया में कहीं पर भी उन्नति नहीं कर सकते अगर हम अपना और अपनी कौम का विकास चाहते हैं तो हमें तालीम का दामन मजबूती से पकड़ना होगा। इस्लाम में तालीम पर जोर दिया है इसलिए हमें तालीम हासिल करना चाहिए, टीवी में दुनिया भी तालियां हासिल करके आगे बढ़ना होगा।

जलसे में हाजी खुर्शीद अनवर, हाजी इकरार अहमद अंसारी, हाजी उवैस मुस्तफा रिजवी, अली इमाम रिजवी, मंसूर अहमद एडवोकेट, यासिर अंसारी एडवोकेट, शाहिद अंसारी, निराले अंसारी, मरगूब सिद्दीकी, इकराम ज़ैदी, सूफी निशात, नासिर तुर्क अकरम मंसूरी आदि मौजूद रहे। अंत मे हजरत मुफ्ती दानिश उल कादरी साहब ने मुल्क में अमनो अमान के लिए दुआ कराई। अंत में कार्यक्रम के संयोजक श्री मुजफ्फर अंसारी ने सभी लोगों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम स्थल के बाहर कोविड-19 से बचाव के लिए कमेटी की ओर से विशेष कैंप लगाया गया था।

रिर्पोट: सालार गाजी।
Posted By: Sameer Chaudhary

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