बचीटी में 50 वर्ष बाद भी नहीं हो पाया पुल का निर्माण, ग्रामीणों का प्रदर्शन, तीन पूर्व गांव में हुई थी दो बच्चों की मौत, स्कूली बच्चों ने सीएम को भेजा पत्र।

देवबंद: बरसात के पानी में बहने से हुई दो बच्चों की मौत के मामले में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुल का निर्माण कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। ग्रामीणों के मुताबिक अगर गांव में पुल होता तो बच्चों की मौत ना होती। 
देवबंद विधानसभा क्षेत्र के गांव बचीटी के ग्रामीण पिछले 50 वर्षों से गांव से नन्हेड़ा टिपटान को जोड़ने वाले पुल और मार्ग निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन आज तक भी किसी सरकार या जनप्रतिनिधि ने गांव की इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया है। परिणाम स्वरूप बरसात के पानी में बहने से अब तक यहां कई लोगों की मौत हो चुकी है। तीन दिन पहले भी गांव में दो बच्चों की मौत बरसात के पानी में बहने के चलते हुई थी। 
अब ग्रामीण व स्कूल के बच्चों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज कर पुल का निर्माण करने की गुहार लगाई है। स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बरसात के समय उत्तराखंड की ओर से आने वाला पानी बड़ी दिक्कत खड़ी करता है, जिसके चलते वह स्कूल नहीं जा पाए और हर समय हादसे का डर रहता है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था की बरसात के पानी में जहां उनकी फसल खराब हो जाती है तो वही गांव के दो बच्चों की मौत के बाद अब भी गांव के लोग गमजदा हैं और गांव के अंदर खौफ का माहौल बना हुआ है ग्रामीणों ने बताया पिछले 50 वर्ष से वह पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई जब जनप्रतिनिधि उनकी इस समस्या पर ध्यान नहीं देता। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए का कि अगर इस बार पुल का निर्माण नहीं होता तो पूरा गांव विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने को मजबूर होगा।

पीड़ित परिवारों से सत्ता पक्ष के नेताओं की दूरी, बनी चर्चा का विषय।
बचीटी गांव में हुई दो बच्चों की मौत के बाद जहां विपक्ष के नेता लगातार पीड़ित परिवार से मिल रहे हैं और सांत्वना प्रकट कर चुके हैं, तो वहीं सत्ता पक्ष से जुड़ा कोई भी भाजपा का नेता पीड़ित परिवार से नहीं मिला है। आरोप लग रहे हैं कि कि भाजपा पूरे मामले में मुस्लिम एंगल होने के चलते परिवार से मिलने से बच रही है। ऐसे दुख भरे हादसे के समय भी भाजपा धर्म के चश्मा से निकल नहीं पाई।

समीर चौधरी।

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